सौरभ शर्मा, सीओओ, ProHance (बाईं ओर) और कार्तिक पद्मनाभन, मैनेजिंग पार्टनर, Zinnov (दाईं ओर)। / Handout: ProHance
अमेरिका की बड़ी कंपनियां जहां एआई पर बढ़ते खर्च और उसके नतीजों को लेकर सवालों का सामना कर रही हैं वहीं उनकी भारत में स्थित टीमें सबसे बेहतर एआई नतीजे देने में अहम भूमिका निभा रही हैं। Zinnov और ProHance द्वारा किए गए एक ताजा अध्ययन में यह खुलासा हुआ है।
अध्ययन के मुताबिक भारत में मौजूद वैश्विक कंपनियों के 92 प्रतिशत ऑपरेशन्स एआई को या तो पायलट चरण में आजमा रहे हैं या बड़े स्तर पर लागू कर रहे हैं। इसके बावजूद 70 प्रतिशत कंपनियों के पास एआई निवेश से मिलने वाले लाभ यानी आरओआई को मापने के लिए कोई तय प्रणाली नहीं है।
“Navigating AI ROI: How India Operations of Global Enterprises Can Unlock Scalable Enterprise Value” नाम की स्टडी में किए गए सर्वे में 160 से अधिक बिजनेस और टेक्नोलॉजी लीडर्स ने हिस्सा लिया।
Zinnov के मैनेजिंग पार्टनर कार्तिक पद्मनाभन ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि उनके इनोवेशन इकोसिस्टम का सबसे अहम हिस्सा बन गया है। बातचीत अब सिर्फ एआई अपनाने तक सीमित नहीं, बल्कि उसके असर और जिम्मेदारी साबित करने पर केंद्रित है।
उन्होंने आगे कहा कि एआई की अगली प्रतिस्पर्धा इस बात पर होगी कि कौन कंपनियां एआई से वास्तविक व्यवसायिक प्रभाव जैसे तेज नवाचार, अधिक सटीकता और बेहतर ग्राहक अनुभव साबित कर पाती हैं।
अध्ययन में यह भी बताया गया कि टिकाऊ और प्रभावी एआई परिणामों के लिए चार मुख्य तत्व जरूरी हैं। इनमें एकीकृत डेटा और इंफ्रास्ट्रक्चर, विशेषज्ञ प्रतिभा, मजबूत गवर्नेंस और एआई का गहराई से इस्तेमाल शामि है। इनकी मदद से कंपनियां एआई प्रयोगों से आगे बढ़कर वास्तविक बिजनेस वृद्धि हासिल कर पाती हैं।
ProHance के सीओओ सौरभ शर्मा ने कहा कि एआई से मिलने वाला फायदा किसी एक क्षेत्र का मुद्दा नहीं बल्कि पूरी दुनिया का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत स्थित टीमें अमेरिकी कंपनियों द्वारा विकसित एआई मॉडल्स को बड़े पैमाने पर लागू करने की क्षमता रखती हैं और यहीं से पायलट प्रोजेक्ट्स को वास्तविक व्यावसायिक नतीजों में बदला जाता है।
अध्ययन का निष्कर्ष बताता है कि भारत अब सिर्फ एआई प्रयोगों की भूमि नहीं बल्कि अमेरिकी कंपनियों के लिए एआई से वास्तविक मूल्य और लाभ कमाने की सबसे मजबूत ताकत बन चुका है।
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