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कमला हैरिस: अमेरिका के लिए नई उम्मीदों की प्रतीक, बदलाव की पैरोकार

2024 का चुनाव सिर्फ अगला राष्ट्रपति चुनने के लिए नहीं है, ये हमारे देश की दिशा चुनने के बारे में है।

अश्विन रामास्वामी जॉर्जिया के 48वें जिले से स्टेट सीनेट के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हैं। / courtesy photo

 

अश्विन रामास्वामी

जैसे-जैसे हम नवंबर में होने वाले महत्वपूर्ण चुनाव के करीब पहुंच रहे हैं, मुझे उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की बेहद महत्वपूर्ण यात्रा की याद आ रही है। उनकी उम्मीदवारी केवल नीति या राजनीति के बारे में नहीं है, यह नागरिकों के उचित प्रतिनिधित्व, आकांक्षाओं और हमारे समुदायों को एक साथ लाने के बारे में है।

कमला हैरिस ने उन मूल्यों का हमेशा समर्थन किया है जो लाखों अमेरिकियों और खासतौर भारतीय-अमेरिकी समुदाय से जुड़े हैं। गर्व की बात है कि मैं भी इसका हिस्सा हूं। राष्ट्रपति पद के लिए कमला की उम्मीदवारी न सिर्फ इस समुदाय की प्रगति को दर्शाती है बल्कि एक अधिक समावेशी, न्यायसंगत अमेरिका बनाने की तरफ भी कदम बढ़ाती है।

आप्रवासियों का बेटा होने की वजह से मैं एक ऐसी पृष्ठभूमि से आता हूं जहां संस्कृतियां हमेशा मेरी पहचान का हिस्सा रही हैं। भारतीय और अमेरिकी दोनों दुनिया को देखना और एक ऐसी जगह ढूंढना, जो मुझे पूरी तरह से अपने मुताबिक जीवन जीने का मौका दे, यही मुझे इसने सिखाया है। हैरिस की यात्रा इस पहलू को गहराई से दर्शाती है। वह अप्रवासियों की बेटी हैं जो अमेरिकी समाज में आगे बढ़ते हुए अपनी भारतीय और अश्वेत विरासत के साथ पली-बढ़ी हैं। मैं जब हैरिस को राष्ट्रीय मंच पर देखता हूं तो उनमें एक ऐसा व्यक्ति नजर आता है जिसने "दो दुनिया" के अनुभव को अपनी ताकत में बदल दिया है। हैरिस की उम्मीदवारी ने अनगिनत प्रवासियों के सपनों को मजबूती दी है। ऐसे लोगों का हौसला बढ़ाया है जो हमारे राष्ट्र को महान बनाते हैं और जिन्होंने अपने बच्चों का बेहतर भविष्य बनाने के लिए सब कुछ पीछे छोड़ दिया है।

जॉर्जिया स्टेट सीनेट चुनाव का उम्मीदवार होने के नाते मैं समझता हूं कि बाधाओं को तोड़ने का क्या मतलब होता है। अगर मैं विजयी होता हूं तो जॉर्जिया से निर्वाचित पहला भारतीय-अमेरिकी और सबसे युवा स्टेट सीनेटर बनूंगा। मेरी मां, हैरिस की मां की तरह ही तमिलनाडु में चेन्नई के बसंत नगर की रहने वाली हैं। ये संबंध हैरिस के प्रति मेरे लगाव को और भी व्यक्तिगत बनाता है। यह मेरे जैसे लोगों को दिखाता है कि नेतृत्वकारी पदों पर होने के नाते इस देश के भविष्य को आकार देने में हमारी आवाज़ भी मायने रखती है।

उपराष्ट्रपति हैरिस इस बात का प्रतीक हैं कि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। उनका उदय हमारे लोकतंत्र की ताकत का प्रत्यक्ष उदाहरण है। व्हाइट हाउस में उनकी उपस्थिति आप्रवासियों के हर बच्चे को एक शक्तिशाली संदेश देती है कि आपकी बैकग्राउंड से कोई फर्क नहीं पड़ता, आपने ठान लिया है तो आप पब्लिक सर्विस के उच्चतम सोपान तक पहुंच सकते हैं। हम अपने माता-पिता के संघर्षों को देखते हैं, जिन्होंने हमें ऐसे अवसरों तक पहुंचाने के लिए काफी बलिदान दिए हैं। यह न सिर्फ उनकी कामयाबी है बल्कि एक समुदाय के रूप में हमारी सामूहिक आकांक्षाओं की भी कहानी है।

2024 का चुनाव सिर्फ अगला राष्ट्रपति चुनने का चुनाव नहीं है, यह हमारे देश की भविष्य की दिशा चुनने के बारे में है। यह विभाजन, बहिष्कार और अतिवाद की राजनीति को खारिज करने और एकता, प्रगति एवं प्रतिनिधित्व को गले लगाने का चुनाव है। यह ऐसे मुद्दों पर फोकस करने का चुनाव है जो दलगत राजनीति से परे अधिकांश अमेरिकियों से जुड़े हैं। प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच प्रदान करना, स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए बंदूक सुरक्षा कानून पारित करना और भविष्य बनाने के लिए परिवर्तनकारी निवेश करना। मेरा मानना है कि हर वोट मायने रखता है।

लोकतंत्र का मूल नागरिकों की सफलता में निहित है। कमला हैरिस जैसे नेता समझते हैं कि यह हमारी सामूहिक कहानियां, सपने और आवाजें ही हैं जो इस राष्ट्र को आकार देती हैं। मेरे जैसे युवा लोगों के लिए यह प्रतिनिधित्व परिवर्तनकारी है। जब मैंने स्टेट सीनेट का चुनाव लड़ने का इस विश्वास के साथ फैसला किया है कि हमारी सरकार को लोगों की सेवा के प्रति समर्पित होना चाहिए। हमारा समुदाय तभी मजबूत होता है, जब हमारे नेता उन लोगों के अनुभवों को समझें जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं। कमला हैरिस इस समझ की प्रतीक की तरह हैं। ये समझ एक अश्वेत महिला, अप्रवासियों की बेटी और एक लोकसेवक के रूप में उनके अनुभवों में निहित है।

2024 का चुनाव हमारे लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। हमें यह तय करना होगा कि क्या हम एक ऐसे दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेंगे, जो सबको साथ लेकर चलता हो या फिर हम भय, विभाजन और घृणा को आगे बढ़ने का अवसर देंगे।

मैं अमेरिका के लिए कमला हैरिस के दृष्टिकोण का सपोर्ट करता हूं। यह ऐसा दृष्टिकोण है, जो हर समुदाय को बिना उनकी जाति, धर्म या पृष्ठभूमि की परवाह किए एक मेज पर लेकर आता है। साथ मिलकर हम एक ऐसा अमेरिका बना सकते हैं जो अपने वादे पर खरा उतरता हो, जहां का हर बच्चा चाहे उसके माता-पिता कहीं से भी आए हों, बिना सीमा के सपने देख सकें और बाधाओं के बिना उन्हें पूरा कर सकें।

स्टेट सीनेट के 48वें जिले में भी इसी तरह के महत्वपूर्ण विकल्प सामने हैं। यह जिला जॉर्जिया सीनेट में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी है। हमारे पास यह सुनिश्चित करने का अवसर है कि हमारी राज्य विधायिका हमारे समुदाय के मूल्यों को प्रतिबिंबित करे। किसी ऐसे उम्मीदवार का समर्थन न करे, जो 2020 के चुनाव परिणामों को पलटने का प्रयास करने के लिए आपराधिक मुकदमा और गुंडागर्दी के सात आरोपों का सामना कर रहा है।

यहां जॉर्जिया में अपने समुदाय का प्रतिनिधित्व करने की इस लड़ाई में मैं कमला हैरिस से काफी प्रेरित हूं, जो अमेरिका को आगे ले जाने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प के अराजकता एवं विभाजनकारी दृष्टि से लड़ रही हैं। यह समय है हम सभी को उठ खड़े होने का, इस देश को परिभाषित करने वाले आदर्शों के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने का और एक ऐसा अमेरिका बनाने का, जो वाकई सभी के हित के लिए काम करे।


(लेखक अश्विन रामास्वामी जॉर्जिया के 48वें जिले से स्टेट सीनेट के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हैं)

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