अमेरिका में बड़े पैमाने पर अप्रवासियों के डिपोर्टेशन का मामला अदालत की चौखट तक पहुंच गया है। इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अपना बचाव करने की जिम्मेदारी अभिषेक कांबली को सौंपी है। कांबली अमेरिकी न्याय विभाग में भारतीय मूल के अटॉर्नी हैं।
हाल ही में फेडरल जज ने अप्रवासियों के डिपोर्टेशन को लेकर उनसे तीखे सवाल किए। उनसे पूछा गया कि ट्रंप प्रशासन ने 18वीं सदी के कानून के तहत निर्वासन (डिपोर्टेशन) पर अस्थायी रोक के आदेश का पालन क्यों नहीं किया। हालांकि कांबली ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कोर्ट को डिपोर्टेशन फ्लाइट्स के बारे में तुरंत जानकारी नहीं दी।
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अभिषेक कांबली एक महीने पहले ही अमेरिकी न्याय विभाग में शामिल हुए हैं। वह अदालत में ट्रंप प्रशासन के उस फैसले का बचाव कर रहे थे, जिसमें 1798 के एलियन एनिमी एक्ट का इस्तेमाल करके सैकड़ों अप्रवासियों को देश से निकाल दिया गया है। इनमें से कई पर कथित तौर पर वेनेजुएला के गैंग ‘ट्रेन डे अरागुआ’ से संबंध होने का आरोप है।
गौरतलब है कि संघीय न्यायाधीश ने निर्वासन रोकने का आदेश दिया था। इसके बावजूद बहुत से अप्रवासियों को निष्कासित कर दिया गया है। यूएस डिस्ट्रिक्ट जज जेम्स बोस्बर्ग ने सुनवाई के दौरान कांबली से पूछा कि वीकेंड में निर्वासतों की फ्लाइट से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी क्यों छुपाई गई और क्या प्रशासन ने जानबूझकर अदालत के आदेश की अवहेलना की है।
NBC न्यूज के अनुसार, जज ने कांबली की दलीलों को कमजोर करार देते हुए कहा कि क्या आप यह कहना चाह रहे हैं कि आपने आदेश को नज़रअंदाज़ किया क्योंकि यह लिखित में नहीं था?
हालांकि कांबली ने ट्रंप प्रशासन के बचाव में कहा कि उन्होंने अदालत के लिखित आदेश का पूरी तरह पालन किया था जो कि बोस्बर्ग द्वारा मौखिक आदेश के कुछ घंटे बाद जारी किया गया था। कांबली ने कहा कि हमने आदेश का पालन किया है।
जज ने निर्वासतों की उड़ानों से संबंधित विवरण मांगते हुए पूछा कि कितनी उड़ानें संचालित की गईं, और जब उन्होंने आदेश जारी किया, उस समय कितनी उड़ानें हवा में थीं। लेकिन कांबली ने इन सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि मुझे सिर्फ वही जानकारी साझा करने की अनुमति है जो हमने अदालत में पहले से दी है।
अभिषेक कांबली का परिचय
अभिषेक कांबली का जन्म भारत में हुआ था, लेकिन तीन साल की उम्र में वह अमेरिका आ गए थे। वह कनेक्टिकट के नॉरवॉक में पले-बढ़े। उनका करियर शुरुआत में कला के क्षेत्र में था। उन्होंने 2006 में यूनिवर्सिटी ऑफ द आर्ट्स से फाइन आर्ट्स में डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने कानून की पढ़ाई की और वकालत में करियर बनाया।
करियर के शुरुआती दौर में कांबली ने इंडियाना के साउदर्न डिस्ट्रिक्ट में असिस्टेंट यूएस अटॉर्नी के रूप में कार्य किया था। इसके अलावा यूएस एयर फोर्स में JAG अधिकारी के रूप में भी सेवाएं दी हैं। वह अब भी एयर फोर्स रिज़र्व में कार्यरत हैं। उन्होंने नोट्रे डेम लॉ स्कूल से कानून की डिग्री प्राप्त की है।
न्याय विभाग में आने से पहले कांबली कैनसस अटॉर्नी जनरल ऑफिस में डिप्टी अटॉर्नी जनरल थे। वहां उन्होंने स्पेशल लिटिगेशन और संवैधानिक मामलों में पैरवी की। उन्होंने छात्र ऋण माफी, टाइटल इलेवन और एच-2ए श्रमिकों के लिए श्रम नियम जैसी बाइडेन प्रशासन की नीतियों को अदालत में चुनौती देने के मामलों में भी हिस्सा लिया।
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