एकल विद्यालय फाउंडेशन यूएसए के संस्थापक सदस्यों में से एक रमेश शाह को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है। शाह एकल के इतिहास में यह सम्मान प्राप्त करने वाले पहले और इकलौते स्वयंसेवक हैं।
शिक्षा एवं सशक्तिकरण अभियानों के जरिए भारत में ग्रामीण एवं आदिवासी समुदायों में बदलाव लाने के फाउंडेशन के मिशन के प्रति जीवनपर्यंत समर्पित सेवा करने के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है।
रमेश शाह 1970 के दशक में अमेरिका आकर 1976 में ह्यूस्टन में बस गए थे। उन्होंने 1999 में एकल यूएसए की सह-स्थापना की। पिछले दो दशकों में इस गैर-लाभकारी संस्था ने काफी तरक्की की है और अब यह ग्रामीण भारत में 85,000 से अधिक स्कूलों का संचालन कर रही है।
संस्था का अनूठा एक-शिक्षक एक-स्कूल मॉडल वंचित क्षेत्रों में लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य जागरूकता के साथ आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में जुटा है। शाह ने भारतीय प्रवासियों को इस मिशन से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जिससे पूरे भारत में समग्र ग्राम विकास का अभियान सक्षम हो सका है।
शाह ने कहा कि 2004 से हम हेल्थकेयर, प्रिवेंटिव हेल्थकेयर और सशक्तिकरण के बारे में लोगों को जानकारी दे रहे हैं। हमने उन्हें बताया कि वे किस तरह शिक्षा और आरटीआई (सूचना का अधिकार) अधिनियम का उपयोग करके समाज को बदल सकते हैं और सरकार से पूछ सकते हैं कि उन्होंने क्या काम किया है। लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना भी जरूरी है।
एकल के कार्यक्रम सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं हैं। संस्था स्वास्थ्य, महिलाओं के कौशल विकास, डिजिटल साक्षरता और टिकाऊ कृषि प्रथाओं आदि से संबंधित अभियानों का भी संचालन करती है।
शाह और उनकी पत्नी कोकिला भारत भर के दूरदराज के गांवों में खुद जाकर कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण इलाके दोनों एक भारत का हिस्सा हैं। विदेश में बसे लोगों को भारत में अपने गांव का ख्याल रखना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि आप किस तरह वहां तरक्की ला सकते हैं।
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