एक चौंकाने वाली घटना, जिसकी अब घरेलू आतंकवाद और घृणा अपराध, दोनों के तौर पर जांच की जा रही है, में 23 वर्षीय रॉबिन वेस्टमैन ने एनुंसिएशन कैथोलिक स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान गोलीबारी की, जिसमें दो बच्चों (8 और 10 वर्ष की आयु के) की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। इनमें से 14 छात्र और तीन बुजुर्ग पैरिशियन थे। वेस्टमैन की घटनास्थल पर ही आत्महत्या कर ली गई।
पहचान और पृष्ठभूमि: वेस्टमैन का जन्म पुरुष के रूप में रॉबर्ट वेस्टमैन के रूप में हुआ था लेकिन 2021 में उसने कानूनी तौर पर अपना नाम बदलकर महिला के रूप में पहचान बना ली। उसकी मां स्कूल में काम करती थी।
हथियार और तैयारी: हमलावर के पास एक राइफल, एक बन्दूक और एक पिस्तौल थी। ये सभी कानूनी तौर पर खरीदी गई थीं। और उसने एक लकड़ी के तख्ते से निकास द्वारों को अवरुद्ध करने का प्रयास किया।
घोषणापत्र और वीडियो: वेस्टमैन ने YouTube पर एक पूर्व-निर्धारित घोषणापत्र और विचलित करने वाले वीडियो पोस्ट किए। एक वीडियो में उसे 'डोनल्ड ट्रम्प को मार डालो' जैसे संदेशों के साथ-साथ अश्वेत-विरोधी, यहूदी-विरोधी और ईश्वर-विरोधी गालियां लिखे हुए हथियार पकड़े हुए दिखाया गया है। एक अन्य वीडियो में उसे हंसते हुए और सामूहिक गोलीबारी करने वालों का जिक्र करते हुए दिखाया गया है, जबकि सिरिलिक में लिखी एक पत्रिका में बेहद परेशान करने वाली विचारधारा लिखी हुई है।
इजराइल विरोधी और नरसंहार संबंधी संदेश: एंटी-डिफेमेशन लीग (ADL) के अनुसार वेस्टमैन के हथियारों में 'इजराइल जलाओ', '60 लाख पर्याप्त नहीं थे' जैसे नारे और ट्री ऑफ लाइफ सिनेगॉग पर हमला करने वाले रॉबर्ट बॉवर्स का ज़िक्र था।
कैथोलिक विरोधी नफरत से परे: हालांकि FBI इस हमले को कैथोलिकों को निशाना बनाकर किया गया मान रही है, वेस्टमैन के पोस्ट और शिलालेख नफरत के एक व्यापक दायरे को दर्शाते हैं, जिसमें यहूदी-विरोधी और अति-दक्षिणपंथी चरमपंथी संदेश भी शामिल हैं।
भारत-विरोधी संदेश: घरेलू आतंकवाद में पहली बार
हथियारों पर लिखे संदेशों में 'न्यूक इंडिया' वाक्यांश भी शामिल था जो भारत या हिंदुओं को स्पष्ट रूप से निशाना बनाकर घरेलू आतंक का पहला ज्ञात उदाहरण था। यह बेचैन करने वाला संदेश हमलावर के व्यापक घृणास्पद दायरे को रेखांकित करता है। इसने MAGA से जुड़ी लॉरा लूमर की तीखी आलोचना को जन्म दिया, जिन्होंने X पर जोर देते हुए कहा कि मिनेसोटा में आज हुए हमलावर जैसे इजराइली नफरत करने वाले सिर्फ यहूदियों से ही नफ़रत नहीं करते। वे ईसाइयों, कैथोलिकों और हिंदुओं से भी नफरत करते हैं। यह समझना मुश्किल नहीं है कि हमलावर ने आज एक कैथोलिक स्कूल पर गोलीबारी क्यों की और उसकी बंदूक पर नरसंहार समर्थक, भारत विरोधी और इस्लाम समर्थक वाक्यांश क्यों लिखे थे।
यह हिंसक और घृणित घटना कोई अकेली घटना नहीं है। यह ऑनलाइन उग्रवाद और जेनोफोबिक साजिशों से प्रेरित हिंदू-विरोध के एक व्यापक, बढ़ते पैटर्न को दर्शाती है, जिसे अक्सर सोशल मीडिया एल्गोरिदम और राजनीतिक बयानबाजी के जरिए अनियंत्रित और बढ़ाया जाता है।
भारत-विरोधी और हिंदू-विरोधी ऑनलाइन नफरत का बढ़ता ज्वार
हिंदू-विरोधी भावना का यह चिंताजनक चलन सिर्फ शारीरिक हिंसा तक सीमित नहीं है। यह ऑनलाइन भी बढ़ रहा है...
वास्तविक दुनिया की घटनाएं... ऑनलाइन नफरत वास्तविक दुनिया में पूर्वाग्रह और हिंसा में तब्दील हो गई है...
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