भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के उन दावों को लेकर जवाब दिया, जिनमें कहा गया था कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद रोक देगा। ट्रम्प ने अपने इस दाव के लिए भारत के प्रधानमंत्री मोदी को आधार बनाया था। अब भारत ने ट्रम्प के उस दावे पर अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
Our response to media queries on comments on India’s energy sourcing️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 16, 2025
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत तेल और गैस का एक महत्वपूर्ण आयातक है। अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी निरंतर प्राथमिकता रही है। हमारी आयात नीतियां पूरी तरह इसी उद्देश्य से निर्देशित होती हैं। स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दोहरे लक्ष्य रहे हैं। इसमें हमारी ऊर्जा आपूर्ति का आधार व्यापक बनाना और बाजार की स्थितियों के अनुरूप विविधता लाना शामिल है।
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि जहां तक अमेरिका का सवाल है, हम कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है। वर्तमान प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है। इस पर चर्चाएं जारी हैं।
बुधवार को ओवल ऑफिस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके अच्छे मित्र हैं और दोनों के बीच शानदार संबंध हैं। फिर उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही रूस से तेल की खरीद बंद कर देगा। यह एकदम तो नहीं होगा, लेकिन एक प्रक्रिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह आश्वासन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से दिया है। ट्रम्प ने कहा कि भारत का यह एक बड़ा कदम है। अब हमें चीन से भी यही करने के लिए कहना होगा।
इसी दौरान ट्रम्प ने भारत में अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर और पीएम मोदी की हालिया बैठक पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वे (पीएम मोदी) शानदार और महान व्यक्ति हैं। सर्जियो ने मुझे बताया कि मोदी मुझे पसंद करते हैं। मैं वर्षों से भारत को देख रहा हूं। पहले हर साल एक नया नेता आता था, कुछ महीने के लिए, कुछ वर्षों तक रहता। लेकिन अब मेरा मित्र काफी लंबे समय से सत्ता में है और उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे।
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