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भारत के अडानी ग्रुप पर अमेरिका में लगाए गए रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर भारत में सियासी घमासान छिड़ गया है। प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस पार्टी ने अडानी के बहाने नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लिया है, वहीं बीजेपी के एक नेता ने आरोपों की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं। इस बीच अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार बताते हुए बयान जारी किया है।
अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी पर 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने और निवेशकों को धोखे में रखने को आरोपों के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में 23 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई है।
अडानी ग्रुप ने एक बयान में कहा है कि अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग की तरफ से अडाणी ग्रीन के निदेशकों पर लगाए गए आरोप बिल्कुल निराधार हैं और हम इससे इनकार करते हैं। बयान में कहा गया है कि इस मामले में कंपनी हरसंभव कानूनी तरीके से आगे बढ़ेगी।
गौरतलब है कि अडानी ग्रुप और कई अधीनस्थ कंपनियों पर सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत में 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रकम का भुगतान करने का आरोप लगाया गया है। इन सौदों से लगभग 20 वर्षों में 2 अरब डॉलर से ज्यादा फायदा होने का अनुमान था।
उधर, भारतीय कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने अडानी की गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि अडानी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए लेकिन हम जानते हैं कि ऐसा नहीं होगा क्योंकि मोदी उन्हें बचा रहे हैं। मोदी चाहकर भी कार्य नहीं कर सकते क्योंकि उन पर अडानी का नियंत्रण है। कांग्रेस के नेताओं ने मामले की जेपीसी जांच कराए जाने की भी मांग की है।
गौतम अडानी की तरफ से मोदी सरकार में रियायत मिलने का आरोपों का खंडन किया जाता रहा है। गौतम अडानी के भतीजे और बोर्ड मेंबर सागर अडानी ने अक्टूबर में कहा था कि अडानी ग्रुप और मोदी सरकार के बीच कोई राजनीतिक संबंध नहीं है। हमें जो भी प्रोजेक्ट मिले हैं, वे किसी रियायत से नहीं बल्कि स्वतंत्र एवं पारदर्शी नीलामी के माध्यम से आवंटित किए गए हैं।
मोदी सरकार ने अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों पर अभी तक टिप्पणी नहीं की है लेकिन उनकी भारतीय जनता पार्टी के एक प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा है कि ये आरोप उनके बजाय विपक्षी दल कांग्रेस को ही फंसाने के लिए प्रतीत होता है। मालवीय ने कहा कि कांग्रेस को अतिउत्साह से बचना चाहिए। मामले में जिन राज्यों की बात की गई है, वे सभी उस समय कांग्रेस या उसके सहयोगियों द्वारा शासित थे। इसलिए कांग्रेस उपदेश देना बंद करे और कांग्रेस और उसके सहयोगियों को मिली रिश्वत की जानकारी दे।
अडानी ग्रुप पर पहले भी कॉर्पोरेट धोखाधड़ी के आरोप लग चुके हैं। शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने पिछले साल अडानी ग्रुप पर दशकों से स्टॉक्स में हेरफेर और कॉर्पोरेट धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद भी अडानी ग्रुप के शेयर बुरी तरह गिरे थे। हालांकि बाद में भारतीय एजेंसियों की तरफ से उन्हे क्लीन चिट दे दी गई थी।
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