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व्यापार समझौते के लिए भारत-अमेरिका के बीच सेक्टोरल लेवल पर बातचीत होगी शुरू

2030 तक 500 बिलियन डॉलर के व्यापार लक्ष्य के साथ भारत और अमेरिका अपने रिश्तों को और मजबूत करने की तैयारी में हैं। हाल ही में दिल्ली में हुई हाई लेवल की बातचीत के बाद अब दोनों देशों के एक्सपर्ट विभिन्न सेक्टर्स पर विचार-विमर्श शुरू करेंगे।

दोनों देशों ने बातचीत के नतीजों पर खुशी जाहिर की है और आपसी व्यापार और निवेश के रिश्तों को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। / US Embassy India

भारत और अमेरिका ने प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) के तहत विभिन्न क्षेत्रों पर केंद्रित बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया है।  26 से 29 मार्च, 2025 को दिल्ली में भारत के डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स और अमेरिका के ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव के दफ्तर के बीच चार दिन तक हाई लेवल की बातचीत हुई। इसके बाद अब दोनों देशों के एक्सपर्ट आपस में विभिन्न सेक्टर्स पर बातचीत शुरू करने वाले हैं।

ये बातचीत 13 फरवरी, 2025 के भारत-अमेरिका के संयुक्त बयान के बाद शुरू हो रही है। मकसद है कि 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुंच जाए। दोनों तरफ से एक बड़ी सहमति बन गई है कि एक कम्प्लीट और आपसी फायदे वाला व्यापार समझौता किया जाएगा। पहले चरण का समझौता इस साल के आखिर तक फाइनल हो जाने की उम्मीद है। 

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि 'तरक्की, राष्ट्रीय सुरक्षा और रोजगार के मौके पैदा करने के हमारे साझा लक्ष्य को पाने के लिए दोनों देश आपसी फायदे वाले बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में अगले कदमों पर सहमत हुए हैं।'

आगे होने वाली वर्चुअल मीटिंग्स एक फेस-टू-फेस बैठक की तैयारी करेंगी। यह आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्य मुद्दे हैं- मार्केट एक्सेस, टैरिफ और नॉन-टैरिफ बैरियर्स। इसके अलावा सप्लाई चेन को आपस में जोड़ना भी इसमें शामिल है।

इससे पहले मार्च में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल वाशिंगटन डी.सी. गए थे। वहां उन्होंने अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव जैमिसन ग्रीर और कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक से मुलाकात की थी। इसके बाद दोनों देशों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी हुईं। दिल्ली में हुई मीटिंग इन्हीं सब बातचीतों का नतीजा है।

दोनों देशों ने बातचीत के नतीजों पर खुशी जाहिर की है और आपसी व्यापार और निवेश के रिश्तों को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है, 'इन कदमों से कारोबारियों के लिए नए मौके बनेंगे। आपसी आर्थिक एकीकरण बढ़ेगा और भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक साझेदारी मजबूत होगी।'

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