राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टैरिफ वॉर के बाद चीन को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने रूस साथ भारत के साथ चीन की दोस्ती को "अंधकारमय" बताया। ट्रम्प ने मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए भारत और रूस दोनों से देशों से संबंधों में कटुता आने पर चिंता भी जताई। वहीं दूसरी ओर भारत का तटस्थ रुख कायम है।
भारत ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक नए पोस्ट में कहा अमेरिका ने भारत और रूस को "सबसे गहरे, सबसे अंधकारमय चीन" के हाथों खो दिया। और तीनों देशों के समृद्ध भविष्य की कामना की है।
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर अपनी पोस्ट के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीर भी शेयर की। और लिखा, "लगता है कि हमने भारत और रूस को सबसे गहरे और सबसे अंधकारमय चीन के हाथों खो दिया है। उनके साथ एक लंबा और समृद्ध भविष्य हो!"
टैरिफ वॉर के बीच ट्रम्प की यह दूसरी टिप्पणी है, जिसमें उन्होंने भारत का जिक्र किया है। हालांकि इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान ट्रंप के नवीनतम पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर, विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "इस समय मैं इस पोस्ट पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।"
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बता दें कि यूएस के साथ वैश्विक स्तर पर व्यापारिक संघर्ष उस वक्त दुनिया के सामने आ गया, जब राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत समेत कई देशों पर भारी टैरिफ वृद्धि का ऐलान किया। हालांकि जिन देशों के आयात पर टैरिफ वृद्धि की गई, उनमें कुछ ऐसे देश भी शामिल थे, अमेरिका के बड़े निर्यातक रहे हैं। इस लिस्ट में भारत का नाम शामिल होना आश्चर्य था।
इससे पहले ट्रम्प ने एक पोस्ट में भारत पर उच्च टैरिफ दरों के फैसले को उचित ठहराते हुए यूएस- भारत व्यापार को एकतरफा बताया था। उन्होंने कहा कि भारत में हमारी वस्तुओं की मांग की जाती थी, जबकि हम लगातार भारत से आयात करते है। यह दशकों से चल रहा था,ऐसे विदेश व्यापार सिर्फ "बर्बादी" के सिवा और कुछ नहीं था।
जिस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने सख्त टिप्पणी की थी। MEA ने ट्रम्प के निर्णय को "अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण" करार दिया था और कहा कि भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं और रणनीतिक स्वायत्तता का सम्मान किया जाना चाहिए।
बता दें कि ट्रम्प के ये बयान बयान शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर समिट के बाद आए हैं। जिसमें समिट से इतर शी और पुतिन दोनों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी द्विपक्षीय वार्ता की थी।
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