एक डच व्यापारी ने अमेरिकी फेडरल कोर्ट में भारतीय कारोबारी पर मुकदमा दायर किया है। उन्होंने एक पूर्व CIA से जुड़े कंसल्टेंसी फर्म पर आरोप लगाया है कि उसने भारतीय व्यवसायी गौरव कुमार श्रीवास्तव की ओर से झूठी जानकारी फैलाकर उनसे करोड़ों डॉलर का ठगी की।
मामला न्यूयॉर्क के साउदर्न डिस्ट्रिक्ट में अगस्त 2025 में दायर किया गया। शिकायत में कहा गया है कि गौरव श्रीवास्तव ने खुद को CIA का undercover अधिकारी बताकर डच व्यापारी नील्स ट्रोस्ट की ऊर्जा ट्रेडिंग कंपनी Paramount Energy & Commodities SA में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हड़पने और कम से कम 25 मिलियन डॉलर अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए हड़पने का प्रयास किया।
शिकायत में दावा किया गया है कि श्रीवास्तव ने ट्रोस्ट से कहा कि वह रूस से आने वाले तेल के व्यापार के माध्यम से पश्चिमी राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने वाले एक अमेरिकी सरकारी प्रोग्राम का संचालन कर रहा है। लेकिन अदालत में दायर मुकदमे के अनुसार, ऐसा कोई प्रोग्राम अस्तित्व में नहीं था और यह सिर्फ़ ठगी का बहाना था।
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दावा और सबूत
ट्रोस्ट के वकील, जेसन मसीमोर, जो पहले अमेरिकी न्याय विभाग में प्रोसेक्यूटर रह चुके हैं, ने कहा कि उनके पास कॉर्पोरेट दस्तावेज़, ईमेल, टेक्स्ट मैसेज, रिकॉर्डिंग और 10 से अधिक गवाहों के शपथ पत्र हैं। रिकॉर्डिंग में श्रीवास्तव ने दावा किया कि वह Non-Official Cover प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसमें दुनियाभर में केवल 30 लोग हैं और वह एक दिन में आठ सीनेटर और व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति से बात कर सकता है।
ट्रोस्ट ने कहा कि जब उन्हें धोखा पता चला, तो उन्होंने साझेदारी खत्म कर दी। इसके बाद, श्रीवास्तव और उनके सहयोगियों ने एक सार्वजनिक प्रचार अभियान शुरू किया और ट्रोस्ट पर रूस के जासूस होने का आरोप लगाया, जिससे ट्रोस्ट की प्रतिष्ठा और व्यापार संबंध प्रभावित हुए।
मानहानि के दावे
मुकदमे में न्यूयॉर्क की Arkin Group DE LLC और इसके प्रबंध निदेशक विक्टोरिया काताकोका को आरोपी बनाया गया है। ट्रोस्ट का आरोप है कि इस फर्म ने श्रीवास्तव की कहानी को वैधता दी। 2024 के दिसंबर में लंदन कॉन्फ्रेंस और 2025 के मार्च में पॉडकास्ट में काताकोका ने ट्रोस्ट को एक बहुत ही आकर्षक फिक्शन का निर्माता बताया। ट्रोस्ट ने दावा किया कि ये बयान झूठे और मानहानिकारक हैं।
मुकदमे की जांच रिपोर्ट में श्रीवास्तव परिवार की भारत में गतिविधियों का जिक्र है। उनके पिता जसवंत कुमार श्रीवास्तव और गौरव श्रीवास्तव का दावा था कि वे रक्षा, एविएशन और मीडिया में जुड़े हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार वे व्यवसाय या राजनीतिक हलकों में अनजान थे। परिवार ने अब तक इन विवरणों पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है।
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