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पंजाब के बाढ़ग्रस्त गांवों के लिए नई उम्मीद, UNITED SIKHS ने अपनाए 11 गांव

UNITED SIKHS का कहना है कि यह पहल केवल राहत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद गांवों को सतत विकास और मजबूती की राह पर आगे बढ़ाना है।

पंजाब का बाढ़ग्रस्त क्षेत्र / Courtesy: UNITED SIKHS organization

पंजाब के फिरोजपुर जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों को अब राहत और विकास की नई उम्मीद मिलने जा रही है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार और राहत संगठन UNITED SIKHS, जो संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध है, ने जिले के 11 गांवों को गोद लेने का फैसला किया है।

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फिरोजपुर जिला पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और यह इलाका अक्सर बाढ़ की मार झेलता है। बार-बार आने वाली बाढ़ ने यहां के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। फसलें बर्बाद हो गईं, घर बह गए, मवेशियों के आश्रय टूट गए और स्कूल तक तबाह हो गए। छोटे किसान अब कर्ज और भूखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं। गांवों की दूरदराज़ स्थिति और मीडिया का ध्यान न पहुंच पाने के कारण इन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता रहा है।

 

पंजाब का बाढ़ग्रस्त इलाका / Courtesy: UNITED SIKHS organization

तीन चरणों में योजना
UNITED SIKHS ने इन गांवों के पुनर्विकास के लिए तीन-चरणीय रणनीति बनाई है –

तत्काल राहत – प्रभावित परिवारों को खाद्य सामग्री, पीने का पानी और स्वच्छता सुविधाएं मुहैया कराना।

कृषि पुनर्वास – मिट्टी की बहाली, किसानों को खेती के औजार देना, पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था और खेती को फिर से खड़ा करना।

दीर्घकालिक विकास – स्कूल, पुल, सड़कें, बिजली, नदी किनारों की सुरक्षा और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण।

संस्था ने भरोसा दिलाया है कि पूरे अभियान की निगरानी GPS डेटा, तस्वीरों और फील्ड रिपोर्ट्स के जरिए की जाएगी, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे। फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर ने भी इस पहल का स्वागत किया है और इसे प्रभावित गांवों के लिए बेहद अहम बताया है। कार्यक्रम की शुरुआत डोना मट्टार गांव और उसके आसपास के बाढ़ग्रस्त इलाकों से की जाएगी, जहां फसलों और घरों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

 

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