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वॉशिंगटन डीसी में स्व. कृष्ण श्रीनिवास गरु को भावपूर्ण श्रद्धांजलि

स्व. कृष्ण श्रीनिवास गरु को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रदूत और अमेरिका-भारत संबंधों के सशक्त प्रवक्ता के रूप में जाना जाता था।

स्व. कृष्ण श्रीनिवास गरु को श्रद्धांजलि / image provided

राजाजी रेस्टोरेंट में एक भावनात्मक “Celebration of Life” कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रतिष्ठित नेता, मार्गदर्शक और दूरदर्शी व्यक्तित्व स्व. कृष्ण श्रीनिवास गरु को श्रद्धांजलि दी गई। परिवार, मित्रों और समुदाय के नेताओं ने उनकी उल्लेखनीय यात्रा को याद किया, एक ऐसा जीवन जो तकनीकी नवाचार, कूटनीति और समाजसेवा के जरिए अनगिनत लोगों के जीवन को छू गया।

तकनीक और अमेरिका-भारत संबंधों के सेतु
स्व. कृष्ण श्रीनिवास गरु को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रदूत और अमेरिका-भारत संबंधों के सशक्त प्रवक्ता के रूप में जाना जाता था। उन्होंने दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई।

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समुदाय के प्रमुख संगठनों की भागीदारी
कार्यक्रम में कई प्रमुख भारतीय-अमेरिकी संगठनों American Association of Physicians of Indian Origin (AAPI), American Hindu Coalition, Americans4Hindus Pact, Indian American Forum for Political Education (IAFPE) और U.S.–India Security Council ने भाग लिया।

प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर कई वरिष्ठ नेता और समुदाय प्रतिनिधि मौजूद रहे, जिनमें रमेश विश्वनाथ कपूर (President, US India Security Council), डॉ. भरत बरई, स्वदेश चटर्जी, डॉ. रोमेश जापरा, डॉ. सुवास देसाई, कुमार भार्वे (पूर्व बहुमत नेता, मैरीलैंड असेंबली), शेखर तिवारी (Chairman, American Hindu Coalition), बाबू विनायगम, डॉ. अनिल कुमार (U.S. Congress उम्मीदवार, मिशिगन-11), अमित चक्रवर्ती (President, AAPI) और नील खोत (U.S. Congress उम्मीदवार, इलिनॉय-8) शामिल थे।

 

कार्यक्रम में कई लोग उपस्थित रहे। / image provided

श्रद्धांजलियों में झलकी विनम्रता और नेतृत्व की विरासत
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कृष्ण श्रीनिवास गरु के विनम्र नेतृत्व और दूरदर्शिता को याद किया। रमेश कपूर ने उनकी मित्रता और अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत करने के लिए साझा प्रयासों का उल्लेख किया। स्वदेश चटर्जी ने उन्हें एक व्यावहारिक और प्रेरक मार्गदर्शक बताया। डॉ. रोमेश जापरा ने उनके राजनीतिक शिक्षा मंच IAFPE में योगदान को रेखांकित किया। उनके भाई कोटी कृष्णा ने पारिवारिक मूल्यों के प्रति उनकी गहरी निष्ठा को याद किया। लक्ष्मी हॉल और उनकी पुत्री ने उनके स्नेह, अनुशासन और मार्गदर्शन के भावनात्मक संस्मरण साझा किए।

भारत-अमेरिका संवाद को मजबूत करने की प्रतिबद्धता
डॉ. भरत बरई ने वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच संवाद को और सशक्त बनाने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। AAPI अध्यक्ष अमित चक्रवर्ती ने अमेरिका में भारतीय पेशेवरों, विशेषकर डॉक्टरों के सामने आने वाली चुनौतियों और बढ़ती चिंताओं पर चर्चा की। राजेंद्र दिचपल्ली ने तीन दशक लंबे अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि श्रीनिवास गरु की बुद्धिमत्ता और निःस्वार्थ सेवा ने उनके जीवन को गहराई से प्रभावित किया।

वैश्विक नेताओं के संदेश
इस अवसर पर सलमान खुर्शीद, डॉ. थॉमस अब्राहम और डॉ. प्रभु राचाकोमडा जैसे वैश्विक नेताओं ने भी अपने संदेश भेजे, जिसमें उन्होंने कृष्ण श्रीनिवास गरु की अमेरिका-भारत संबंधों को सशक्त बनाने में निर्णायक भूमिका को याद किया।

एकता के विचार को आगे बढ़ाने का संकल्प
कार्यक्रम का केंद्रीय विषय रहा, भारतीय-अमेरिकी संगठनों को एकजुट करने की उनकी दृष्टि। यह विचार कि एक संगठित और सशक्त भारतीय-अमेरिकी मंच ही समुदाय की सामूहिक आवाज़ को राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी बना सकता है। कार्यक्रम का समापन इस प्रतिज्ञा के साथ हुआ कि श्रीनिवास गरु की सेवा, एकता और समाजसेवा की विरासत को आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी उनके आदर्शों से प्रेरित होती रहें।

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