दिवाली मिलन समारोह / image provided
शिकागो एसोसिएशन ऑफ राजस्थानीज़ इन अमेरिका (ARA) द्वारा आयोजित वार्षिक राजस्थानी दीवाली मिलन गाला डिनर इस बार शानदार उत्सव और उमंग के माहौल में संपन्न हुआ। 25 अक्टूबर की शाम, क्राउन प्लाज़ा होटल (ग्लेन एलिन/लॉम्बार्ड) में करीब 200 से अधिक राजस्थानियों ने एकजुट होकर दीपावली का स्वागत किया। पूरे कार्यक्रम में हंसी, संगीत, नृत्य और अपनापन झलकता रहा, मानो रोशनी का त्योहार सच में जीवन्त हो उठा हो।
राजदूत का सम्मान और पारंपरिक शुरुआत
इस मौके पर भारतीय वाणिज्य दूतावास शिकागो से एमएस चौहान विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनका स्वागत पारंपरिक राजस्थानी साफा पहनाकर किया गया — यह क्षण पूरे समुदाय के लिए गर्व और सम्मान से भरपूर रहा।
कार्यक्रम की शुरुआत लक्ष्मी आरती से हुई, जिसके बाद आशा मेहता ने गणेश वंदना पर मनमोहक राजस्थानी लोकनृत्य प्रस्तुत किया। इसके साथ ही मंच पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां होती रहीं। पारंपरिक और आधुनिक नृत्यों का ऐसा संगम कि दर्शक मंत्रमुग्ध रह गए।
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सांस्कृतिक रंग और स्वादिष्ट राजस्थानी व्यंजन
बच्चों और बड़ों दोनों ने मिलकर लोकनृत्यों के ज़रिए राजस्थान की समृद्ध कला और संस्कृति को सजीव कर दिया। युवाओं ने खेल और मनोरंजक गतिविधियों के ज़रिए माहौल को और भी जीवंत बना दिया। पारंपरिक परिधानों में सजे प्रतिभागी और मेहमान जब एक साथ थिरके तो पूरा हॉल रंग-बिरंगी ऊर्जा से जगमगा उठा। राजस्थानी व्यंजनों की सुगंध और स्वाद ने सबका मन मोह लिया — मानो सभी पल भर के लिए अपने मातृभूमि राजस्थान में लौट आए हों।
टीम की मेहनत से सजा यादगार आयोजन
इस यादगार शाम को सफल बनाने के लिए पूरी टीम का आभार व्यक्त किया गया। चेयरमैन राम सैनी के नेतृत्व में आयोजन समिति और स्वयंसेवकों ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाया।
प्रेसिडेंट राकेश कुमार, को-वाईस प्रेसिडेंट्स एकता मुंदड़ा और नेहा पाटोदिया, कोषाध्यक्ष अवधेश मिश्रा, एंकर दीपेश, और पूजा शर्मा को विशेष सराहना दी गई जिनकी मेहनत ने इस आयोजन को यादगार बना दिया।
राजस्थानी संस्कृति को अगली पीढ़ियों तक
ARA के अनुसार, ऐसे आयोजन न सिर्फ़ समुदाय को जोड़ते हैं बल्कि राजस्थानी परंपराओं, संस्कृति और मूल्यों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इस दीपावली गाला ने एक बार फिर साबित किया कि शिकागो का राजस्थानी समाज न केवल एकजुट है बल्कि अपनी संस्कृति को पूरे गौरव और उल्लास के साथ जीवित रखे हुए है।
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