BAPS स्वामीनारायण संस्था की ओर न्यू जर्सी में अक्षरधाम मंदिर में निर्माण के दौरान वर्ष 2021 में दर्ज मुकदमे में श्रमिकों के शोषण का आरोप लगाया गया था। मामले ठोस सबूत ना मिलने के चलते अधिकारियों ने जांच बंद कर दी है। इस कार्रवाई का BAPS संस्था के पदाधिकारियों ने स्वागत किया।
मंदिर निर्माण के दौरान श्रम शोषण के मामले में जांच का BAPS संस्था ने अधिकारियों को पूरा सहयोग किया। संगठन ने एक बयान में कहा, "इस जांच को समाप्त करने का संयुक्त राज्य सरकार का निर्णय हमारे संगठन द्वारा शुरू से ही स्थापित किए गए इस विश्वास के समर्थन में एक स्पष्ट और सशक्त संदेश देता है: कि BAPS स्वामीनारायण अक्षरधाम शांति, सेवा और भक्ति का स्थल, सभी क्षेत्रों के हजारों भक्तों के प्रेम, समर्पण और स्वयंसेवकों के सहयोग से निर्मित हुआ है।"
बीएपीएस ने अक्षरधाम को एक "ऐतिहासिक स्थल" बताया और कहा कि यह अमेरिका में हिंदू समुदाय के योगदान को दर्शाता है।
संस्था ने आगे कहा, "अमेरिका में हिंदू समुदाय इस देश में अपेक्षाकृत नई धार्मिक परंपरा का प्रतिनिधित्व करता है। फिर भी, यह तथ्य कि हमारा समुदाय इस तरह के एक ऐतिहासिक स्थल को बनाने के लिए एक साथ आया, उन मूल्यों का प्रमाण है जो अमेरिका को महान बनाते हैं।"
संगठन ने कहा कि उसकी शिक्षाएँ विपरीत परिस्थितियों में विश्वास, विनम्रता और सहयोग पर ज़ोर देती हैं, और यह संगठन अपने आध्यात्मिक गुरु महंत स्वामी महाराज के मार्गदर्शन का हवाला देते हुए "नई शक्ति और ईश्वर तथा इस राष्ट्र की स्थायी भावना में गहरी आस्था के साथ" उभरा है।
संस्था ने लोगों को अक्षरधाम आने और उसकी कला, परंपराओं और भक्ति भावना का अनुभव करने के लिए खुला निमंत्रण दिया।
बता दें कि न्य जर्सी स्थित BAPS संस्था के निर्माण को लेकर जांच मई, 2021 में एक संघीय मुकदमे को लेकर की जा रही थी। जिसमें कई समुदायों को लेकर सवाल खड़े किए गए थे। मामले की जांच उन लोगों के खिलाफ की जा रही थी। मामले में आरोप लगाया गया था कि धार्मिक वीजा R-1 के तहत यूएस पहुंचे लोगों से प्रति घंटे मात्र 1.20 डॉलर के भुगतान पर लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। आरोप यह भी था कि श्रमिकों को दी गई आवास की सुविधा घटिया थी।
मामला दर्ज होने के बाद एफबीआई, श्रम विभाग और होमलैंड सुरक्षा विभाग सहित कई संघीय एजेंसियों ने निर्माण स्थल पर जांच शुरू की थी। लेकिन बाद में कई मूल वादी मुकदमे से हट गए, और कुछ ने कहा कि उन्हें गुमराह किया गया था या उन्हें इसमें शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था। ऐसे में अब अधिकारियों ने जांच बंद कर दी है।
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