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टैरिफ वॉर के बीच IMF ने चेताया, अर्थ जगत पर लटक रही खतरे की तलवार

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को लेकर कहा है कि ग्लोबल ट्रेड तनाव और अनिश्चितताओं के कारण थोड़ी सुस्ती दिखाई दे सकती है।

आईएमएफ ने वर्ल्ड इकोनमिक आउटलुक रिपोर्ट जारी की ह। / Image Reuters

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अर्थ जगत में टैरिफ वॉर और व्यापारिक तनाव को देखते हुए अमेरिका, चीन और भारत समेत तमाम देशों की आर्थिक विकास दर का अनुमान घटा दिया है। 

आईएमएफ ने भारत को लेकर कहा कि वैश्विक स्तर पर बढ़ते व्यापारिक तनाव और अनिश्चितता की वजह से ग्रोथ की रफ्तार कुछ धीमी हो सकती है। 2025 के लिए पहले ग्रोथ का अनुमान 6.5 प्रतिशत था जिसके अब घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया गया है।

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आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की ग्रोथ अपेक्षाकृत स्थिर है। यह निजी खपत खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में खपत की वजह से सपोर्टेड रहेगी। हालांकि ग्लोबल ट्रेड तनाव और अनिश्चितताओं के कारण थोड़ी सुस्ती दिखाई दे सकती है।

वॉशिंगटन से जारी रिपोर्ट में आईएमएफ ने अमेरिका की नई टैरिफ नीतियों के असर को ध्यान में रखते हुए चेताया है कि पिछले कुछ महीनों में ग्लोबल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को लेकर खतरे काफी बढ़ गए हैं।

आईएमएफ की रिपोर्ट में तीन मुख्य खतरे बताए गए हैं जो आने वाले समय में वैश्विक आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं। पहला, कुछ इक्विटी और कॉर्पोरेट डेब्ट मार्केट्स में वैल्यूएशन अभी भी ऊंचे हैं जिससे आगे और भी गिरावट की गुंजाइश है। 

दूसरे खतरे को लेकर कहा गया है कि अधिक लोन लेकर चलने वाली संस्थाएं जैसे कि हेज फंड्स, बाजार में उतार-चढ़ाव के समय संकट में आ सकती हैं और सेल ऑफ को बढ़ा सकती हैं।  

तीसरा खतरे के प्रति आगाह करते हुए कहा गया है कि जो देश पहले से ही भारी कर्ज में डूबे हैं, उनके लिए सॉवरेन डेब्ट मार्केट में और उथल-पुथल की आशंका है।

आईएमएफ के मॉनेटरी एंड कैपिटल मार्केट्स के डायरेक्टर टोबियास एड्रियन ने कहा कि पॉलिसी अनिश्चितता का लेवल काफी बढ़ा है। आने वाले वक्त में आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार थोड़ी और कमजोर हो सकती है।

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