ADVERTISEMENTs

IOC का दोबारा अध्यक्ष बनाये जाने पर पित्रोदा ने कहा- मुझे बर्खास्त नहीं किया था!

इंजीनियर-उद्यमी ने अपनी विवादास्पद टिप्पणियों पर विवाद के बाद मई में इस प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था

सैम पित्रोदा को भारत में दूरसंचार उद्योग में क्रांति लाने के लिए जाना जाता है। / X/@sampitroda

एक अहम सियासी घटनाक्रम में इंजीनियर और उद्यमी सैम पित्रोदा को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (IOC) के प्रमुख के रूप में बहाल कर दिया गया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र में 26 जून को पित्रोदा को तत्काल प्रभाव से फिर नियुक्त किया गया है। पित्रोदा ने दक्षिण भारतीयों की तुलना अफ्रीकियों से करने वाली   टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया के बाद 8 मई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 



मीडिया के मुताबिक पित्रोदा ने कहा था- हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एक साथ रख सकते हैं... जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं और भारत के लोग दक्षिण भारत अफ्रीकियों जैसे। मगर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सभी भाई-बहन हैं।

इस टिप्पणी का भाजपा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने कड़ा विरोध किया। इसके बाद पित्रोदा को इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि अपनी दोबारा नियुक्ति के बाद पित्रोदा ने 26 जून को एक साक्षात्कार में स्पष्ट किया कि उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया था। पित्रोदा ने कहा कि उनकी टिप्पणियां नस्लवादी नहीं थीं, अलबत्ता नस्लवादियों ने सोचा कि टिप्पणी नस्लवादी है। 
 
दोबारा मिली जिम्मेदारी को लेकर पित्रोदा ने राहुल गांधी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अन्य नेताओं का आभार व्यक्त किया। अपनी बहाली के बारे में पित्रोदा ने कहा मेरा मानना ​​है कि यहां भारतीय संदेश को वैश्विक स्तर पर ले जाने का अवसर है। भारतीय संदेश लोकतंत्र, संविधान, समावेशन और रोजगार के बारे में है।

उन्होंने हाल के चुनाव परिणामों और भारत के नागरिकों की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत के लोगों ने जवाब दिया है क्योंकि भारत चौराहे पर था। वे या तो भाजपा आरएसएस के रास्ते पर जाते हैं या वे उस रास्ते पर जाते हैं जहां वे तानाशाही से बचते हैं।

पित्रोदा ने लोकतंत्र की रक्षा करने और उदार मानसिकता को बढ़ावा देने की वैश्विक चुनौती को रेखांकित करते हुए कहा कि यूके, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों में आगामी चुनावों के साथ भारतीय चुनावों ने सभी के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है।

Comments

Related

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video