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Yale डेलीगेशन ने किया भारत का दौरा, शैक्षणिक साझेदारी पर जोर

येल विश्वविद्यालय ने भारत के साथ अपनी शैक्षणिक और व्यावसायिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। फरवरी के आखिर में, कनेक्टिकट के गवर्नर के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे पर गया। 

येल (Yale) यूनिवर्सिटी डेलीगेशन / Yale and the World

येल (Yale) यूनिवर्सिटी रिसर्च के वाइस प्रोवोस्ट, माइकल क्रेयर 23 फरवरी से 1 मार्च तक कनेक्टिकट के गवर्नर नेड लैमोंट के साथ एक डेलीगेशन में भारत के दौरे पर गए थे। इनका मकसद था कनेक्टिकट और इंडिया के बीच बिजनेस और पढ़ाई-लिखाई में ताल्लुक बढ़ाना। येल यूनिवर्सिटी का इसमें शामिल होना दिखाता है कि वो दुनिया भर में रिसर्च पार्टनरशिप करने को कितना तत्पर है।

ये डेलीगेशन चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई गया था। उन्होंने वहां के सरकारी अफसरों और बड़े-बड़े कारोबारियों से मुलाकातें कीं। गवर्नर लैमोंट के साथ कनेक्टिकट के इकॉनॉमिक और कम्युनिटी डेवलपमेंट कमिश्नर डैनियल ओ'कीफ, कनेक्टिकट इनोवेशन्स के सीईओ मैथ्यू मैककू और पहले पेप्सिको की सीईओ रहीं इंद्रा नूयी और यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट की प्रेसिडेंट राडेन्का मैरिक भी थीं।

येल में विलियम जिग्लर III प्रोफेसर ऑफ न्यूरोसाइंस और प्रोफेसर ऑफ ऑप्थेलमोलॉजी एंड विज़ुअल साइंस माइकल क्रेयर तीनों शहरों में जाने-माने रिसर्चर्स और प्रोफेसर्स से मिले। येल के ऑफिस ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में साउथ एशिया और साउथईस्ट एशिया की डायरेक्टर कस्तूरी गुप्ता के साथ, क्रेयर ने एक दर्जन से अधिक स्कॉलर्स के साथ क्वांटम कंप्यूटिंग पर चर्चा में हिस्सा लिया।

इन बातचीत में येल और इंडिया के बड़े संस्थानों जैसे कि IISER पुणे, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और रमण रिसर्च इंस्टिट्यूट के साथ रिसर्च में मिलकर काम करने, प्रोफेसर्स का आदान-प्रदान और जॉइंट प्रोजेक्ट्स पर विचार-विमर्श हुआ। 

क्रेयर ने कहा, 'गवर्नर लैमोंट के डेलीगेशन के साथ भारत का दौरा करना क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे टॉप रिसर्चर्स से जुड़ने का एक अनोखा मौका था। इन संस्थानों के एक्सपर्ट्स के साथ मेरी बातचीत से रिसर्च में हमारे कॉमन एरियाज और अच्छे अकादमिक ताल्लुक बनाने की संभावनाओं की अच्छी समझ मिली। हमने यह भी देखा कि कैसे येल का क्वांटम इंफॉर्मेशन साइंस का काम, भारत और कनेक्टिकट दोनों जगह क्वांटम टेक्नोलॉजी कंपनियों के बढ़ते बिजनेस से जुड़ सकता है। मैं भविष्य में इन कनेक्शन्स को और मजबूत बनाने के तरीके तलाशने को उत्सुक हूं।'

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत येल के लिए एक बेहद अहम शैक्षणिक और शोध साझेदार बनता जा रहा है। भारत के छात्र और स्कॉलर्स यूनिवर्सिटी में दूसरे सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समूह का हिस्सा हैं, जो ज्ञान के आदान-प्रदान की पुरानी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।

 

 

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