पिछली 10 मई को एक दुखद पर्वतारोहण दुर्घटना में मारे गए तीन पर्वतारोहियों में एक भारतीय मूल के तकनीकी अधिकारी भी शामिल थे। बता दें, वाशिंगटन राज्य के उत्तरी कैस्केड्स में चढ़ाई करते समय सिएटल के विष्णु इरिगिरेड्डी की मौत हो गई। जिनकी उम्र 48 साल थी। यह घटना नॉर्थ अर्ली विंटर्स स्पायर के अर्ली विंटर कूलोइर मार्ग पर हुई, जो अनुभवी पर्वतारोहियों के बीच लोकप्रिय ग्रेनाइट चोटी है।
बता दें, पर्वत की चढ़ाई करने के दौरान उनके ग्रुप में इरिगिरेड्डी, टिम गुयेन (63 साल ), ओलेक्सेंडर मार्टिनेंको (36 साल ) और एंटोन त्सेलिख (38 साल) शामिल थे। बताया जा रहा है, कि सभी एक आने वाले तूफान के कारण पीछे हट रहे थे, जब कथित तौर पर उनका रैपल एंकर विफल हो गया, जिसके बाद सभी 400 फीट की भयावह गहराई में गिए गए।
बता दें ओकानोगन काउंटी शेरिफ कार्यालय के अनुसार, टीम लगभग 200 फीट की ऊंचाई से गिरी और फिर एक चट्टानी, बर्फ से ढकी ढलान से 200 फीट नीचे गिर गई। सभी चार पर्वतारोही एक ही रस्सी प्रणाली से बंधे थे।
अधिकारियों का मानना है कि ग्रुप की रस्सी एक एकल, मौसम-ग्रस्त पिटोन से बंधी हुई थी, जो टूट गई। यह स्पष्ट नहीं है कि कोई बैकअप सुरक्षा मौजूद थी या नहीं।
स्नोहोमिश काउंटी के हेलीकॉप्टर बचाव दल ने त्सेलिख को छोड़कर मृत पर्वतारोहियों के शव बरामद किए। कोरोनर की रिपोर्ट ने पुष्टि की कि तीनों की मौत सिर में गंभीर चोट और कई फ्रैक्चर से हुई थी।
इरिगिरेड्डी फ्लुक कॉरपोरेशन में इंजीनियरिंग के उपाध्यक्ष थे और उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर्नाटक (1994-1998) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। 15 मई को अंतिम संस्कार समारोह निर्धारित किया गया था।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login