विवेक रामास्वामी / X@VivekGRamaswamy
भारतीय मूल के राजनेता और अरबपति कारोबारी विवेक रामास्वामी की संपत्ति में तेज उछाल दर्ज हुआ है। फोर्ब्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार उनकी नेट-वर्थ पिछले आठ महीनों में 80% बढ़कर 1 अरब डॉलर से 1.8 अरब डॉलर हो गई है।
यह बढ़त उस समय आई है जब रामास्वामी ओहायो के गवर्नर चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं। उनके इस अभियान को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भी समर्थन मिला हुआ है जिनके खिलाफ वे कभी राष्ट्रपति चुनाव में दौड़े थे।
रिपोर्ट के मुताबिक उनकी संपत्ति में यह उछाल मुख्य रूप से रोइवेंट साइंसेज में उनकी हिस्सेदारी की वजह से आया है। यह वह फार्मा कंपनी है जिसे उन्होंने 2014 में शुरू किया था। कंपनी का मकसद बड़े फार्मा दिग्गजों द्वारा छोड़ी गई दवाओं को तकनीक की मदद से दोबारा विकसित करना रहा है।
2017 में एक असफल अल्जाइमर दवा परीक्षण के बाद रोइवेंट की सहायक कंपनी 'एक्सोवेंट' के ढहने से रामास्वामी को अपना कुछ हिस्सा बेचना पड़ा था। इसके बाद कंपनी ने धीरे-धीरे वापसी की। 2019 में रोइवेंट ने अपनी 10% हिस्सेदारी और पांच सहायक कंपनियां जापानी समूह सुमितोमो को बेच दीं और 2021 में कंपनी सार्वजनिक हो गई।
रामास्वामी ने 2023 में बोर्ड छोड़ दिया लेकिन वे अब भी सबसे बड़े शेयरधारक हैं। उनके बाहर होने के बाद सितंबर 2025 में दवा Brepocitinib की सफल फेज-3 ट्रायल रिपोर्ट आने से कंपनी के स्टॉक में 72% की बढ़त दर्ज हुई जिससे उनकी नेट-वर्थ और ऊपर चली गई।
40 वर्षीय रामास्वामी की कुल संपत्ति 1.8 अरब डॉलर में 1.21 अरब डॉलर के रोइवेंट शेयर (स्टॉक + ऑप्शंस), ‘Strive Asset Management’ में 150 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी और ‘Chapter’ नामक मेडिकेयर स्टार्टअप में 100 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी शामिल है।
उनके ओहायो गवर्नर अभियान ने अब तक 9.7 मिलियन डॉलर जुटाए हैं जिसमें से सिर्फ 200,000 डॉलर उन्होंने खुद लगाए हैं। यह रणनीति उनकी पिछली राष्ट्रपति अभियान की महंगी गलती से सीखी गई है जिसमें उन्होंने अपने 26 मिलियन डॉलर खर्च कर दिए थे।
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