अमेरिका के भारी टैरिफ की वजह से भारत के डायमंड पॉलिशिंग हब सूरत में घबराहट का माहौल है। लोगों को डर है कि इससे देश के जेम्स और जूलरी एक्सपोर्ट पर बुरा असर पड़ेगा और हजारों कारीगरों का रोजगार खतरे में आ सकता है।
दरअसल, अमेरिका इंडिया के जेम्स और जूलरी का सबसे बड़ा खरीदार है, जो अकेले देश के कुल एक्सपोर्ट का 30% से भी ज्यादा हिस्सा खरीदता है। अमेरिका ने 3 अप्रैल से भारत के जेम्स और जूलरी पर 27% का जवाबी टैरिफ (reciprocal tariff) लगा दिया है। दिक्कत ये है कि चीन, मिडल ईस्ट और यूरोप जैसे बाकी बड़े मार्केट्स में पहले से ही जेम्स और जूलरी की डिमांड कम चल रही है। ऐसे में अमेरिका का ये नया टैरिफ भारत के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है।
सूरत में इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट के चेयरमैन दिनेश नवाडिया ने कहा, 'अमेरिका के टैक्स बढ़ाने से वहां डायमंड की डिमांड पर बुरा असर पड़ेगा। कम से कम कुछ वक्त के लिए तो नौकरियां जाना तय है।'
गुजरात का दूसरा सबसे बड़ा शहर सूरत, प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी के होम स्टेट गुजरात में ही है। दुनिया के 80% से ज्यादा कच्चे डायमंड की प्रोसेसिंग और पॉलिशिंग सूरत में ही होती है। दुनिया भर में जितने भी डायमंड प्रोसेस होते हैं, उनमें से हर 10 में से 9 डायमंड इंडिया में ही तैयार होते हैं।
सूरत की हीरा मार्केट में फिलहाल कामकाज एकदम ठप पड़ गया है। इस मार्केट में हर रोज 10 हजार से ज्यादा कारोबारी और ब्रोकर इकट्ठे होते हैं। इस वक्त पूरी इंडस्ट्री यही समझने की कोशिश में लगी हुई है कि आने वाले महीनों में हालात कैसे बदलेंगे।
पिछले 50 साल से डायमंड ट्रेडिंग कर रहे मनसुख मंगुकिया ने बताया, 'हालात तो 2008 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस से भी ज्यादा खराब हैं। उस वक्त भी इंडस्ट्री में लंबे रिसेशन (मंदी) का डर फैला हुआ था। लेकिन अभी उससे भी बुरी हालत दिख रही है।'
वीनस ज्वेल्स के चेयरमैन सेवांती शाह ने कहा, 'हीरा कारोबार में मंदी आने से सारे मैन्युफैक्चरर्स पर असर पड़ेगा, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान छोटे व्यापारियों को होगा। बहुत सारे छोटे मैन्युफैक्चरर्स के पास कारोबार बंद करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।'
2023-24 फाइनेंशियल ईयर में भारत का जेम्स और जूलरी एक्सपोर्ट करीब 32 बिलियन डॉलर का था। इसमें अकेले अमेरिका का हिस्सा लगभग 10 बिलियन डॉलर था, जो कुल एक्सपोर्ट का 30.4% है।
अमेरिका को तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट
इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक सामान के बाद, जेम्स और जूलरी अमेरिका को इंडिया के तीसरे नंबर का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट हैं। इस कारोबार में लाखों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है, जिसमें बड़ी तादाद में छोटे-छोटे कारीगर भी शामिल हैं।
कारोबार की कमजोर होती उम्मीदों की वजह से अब सूरत डायमंड व्यापारिक केंद्र के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में बड़े जोश के साथ शुरू किया था। मकसद था हजारों नई नौकरियां पैदा करना और इसे बड़ा ट्रेड हब बनाना। करीब 66 लाख स्क्वायर फीट में बने इस केंद्र को दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग बताया गया था, जिसका साइज अमेरिका के पेंटागन से भी बड़ा है।
डायमंड कारोबारियों का कहना है कि इंडस्ट्री अमेरिका की डिमांड घटने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दूसरे देशों में नए खरीदार खोजेगी। लेकिन अमेरिका के बराबर बड़ा और मजबूत मार्केट कोई दूसरा देश नहीं बन पाएगा।
जेम एंड जूलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के वाइस-चेयरमैन शौनक पारीख ने कहा, 'अचानक अमेरिका की डिमांड घटने के बाद फिलहाल इंडस्ट्री को कम समय के लिए प्रोडक्शन में बदलाव करने पड़ेंगे। इसकी वजह से विदेश से आने वाले कच्चे हीरों (rough diamonds) का इंपोर्ट भी कम हो सकता है।'
पारीख ने बताया कि एक्सपोर्टर इस वक्त अमेरिका में नया टैक्स लागू होने से पहले जितना ज्यादा हो सके, उतना माल जल्दी-जल्दी अमेरिका भेजने की कोशिश कर रहे हैं। जिन ऑर्डर्स की जल्दी डिलीवरी नहीं हो पाएगी, उनके कैंसिल होने या होल्ड पर जाने का खतरा है।
एशियन स्टार के मैनेजिंग डायरेक्टर और जाने-माने डायमंड एक्सपोर्टर विपुल शाह ने कहा, 'अमेरिका का ये नया टैक्स वहां हीरे की कीमतें बढ़ा देगा, जिससे डिमांड और कम हो जाएगी।'
डायमंड मैन्युफैक्चरर से जॉब-वर्क कॉन्ट्रैक्टर बने चेतन नवाडिया के लिए आने वाला वक्त अनिश्चितताओं से भरा है। नवाडिया ने कहा, 'मार्केट में मंदी की वजह से मेरा कारोबार पहले ही बंद हो चुका है। गुजारे के लिए मैंने जॉब-वर्क (ठेके पर काम) लेना शुरू किया था। लेकिन अब अमेरिका के टैक्स की वजह से शायद ये कॉन्ट्रैक्ट भी मिलने बंद हो जाएंगे।'
9015031990
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login