भारतीय पीएम मोदी और साथ में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प / REUTERS
भारत ने शुक्रवार को अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के पैमाने पर गंभीर चिंता जताई। भारत की संसद में पहली बार यह जानकारी दी गई कि करीब 47.2 बिलियन डॉलर की भारतीय वस्तुओं पर अब अमेरिकी ड्यूटी लागू हो गई है, जो भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार को भेजी जाने वाली कुल वस्तुओं का आधे से अधिक है। यह आंकड़ा 2024 के निर्यात डेटा पर आधारित है और सरकार की पहली आधिकारिक गणना को दर्शाता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह अमेरिका से भारत को मिले पिछले वर्षों के सबसे बड़े व्यापारिक झटकों में से एक है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका ने इस साल दो चरणों में टैरिफ लागू किए। 31 जुलाई को, वॉशिंगटन ने International Emergency Economic Powers Act का हवाला देकर भारत सहित कई देशों से आयात पर पारस्परिक शुल्क लगाए। इसके बाद 27 अगस्त को, रूस से भारत की निरंतर क्रूड आयात के प्रतिकार में कुछ भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% ड्यूटी लगाई गई।
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ये आपातकालीन कदम लंबे समय से लागू Section 232 टैरिफ के ऊपर आए हैं, जो स्टील, एल्युमिनियम, तांबा, फर्नीचर, किचन कैबिनेट, सॉफ्टवुड और ऑटोमोबाइल पर पहले से लागू हैं। निर्यातक कहते हैं कि इस मिश्रित टैरिफ संरचना ने पहले से ही मूल्य निर्धारण और सप्लाई प्रतिबद्धताओं को बदल दिया है।
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