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प्रवासियों के तस्करी गिरोहों को कुचलने के लिए पीएम स्टार्मर ने देशों से मांगी मदद

इस सबके बावजूद इस साल के पहले तीन महीने में 6,600 से अधिक अवैध प्रवासी ब्रिटेन पहुंचे जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।  

स्टारमर का टारगेट छोटी नावों से इंग्लैंड आने वाले शरणार्थियों की संख्या को कंट्रोल करना है। / Image : @Keir_Starmer

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने अवैध प्रवासियों की तस्करी करने वाले गिरोहों को हमेशा के लिए कुचल देने का आह्वान किया है। उन्होंने ये अपील अंतरराष्ट्रीय आप्रवासन अपराध शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले देशों से की है।

स्टारमर का टारगेट छोटी नावों से इंग्लैंड आने वाले शरणार्थियों की संख्या को कंट्रोल करना है। इसी मकसद से 40 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों का लंदन में दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। फ्रांस, जर्मनी के अलावा चीन, अमेरिका और वियतनाम, इराक तथा बाल्कन देशों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए।  

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ब्रिटेन सरकार इंग्लिश चैनल के जरिए फ्रांस से ब्रिटेन आने वाले अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए जूझ रही है। स्टारमर ने कहा कि यह घृणित बिजनेस हमारे संस्थानों की खामियों का फायदा उठाता है और हमारी राजनीतिक असफलताओं से मुनाफा कमाता है। हमें इस समस्या को हर स्तर पर कुचलने के लिए आपस में संसाधन और खुफिया जानकारी साझा करनी होगी। 

इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने वीडियो संदेश में अल्बानिया में शरणार्थी केंद्रों पर मामलों की समीक्षा करने के इटली के निर्णय का समर्थन किया।  

स्टारमर के इस सम्मेलन का उद्देश्य ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड द्वारा दिसंबर में किए गए समझौते को मजबूती प्रदान करना है जिसमें अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी थी।  

सम्मेलन में मेटा, एक्स और टिकटॉक जैसी सोशल मीडिया कंपनियों के प्रतिनिधियों से चर्चा की गई कि अवैध प्रवासियों को रोकने के लिए ऑनलाइन भर्ती पर नकेल कैसे कसी जाए।  

स्टारमर ने बताया कि उनकी सरकार ने जुलाई में सत्ता संभालने के बाद से 24 हजार अवैध प्रवासियों को वापस भेजा है। हालांकि इस साल के पहले तीन महीने में 6,600 से अधिक अवैध प्रवासी ब्रिटेन पहुंचे जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।  

फरवरी में ब्रिटेन ने आप्रवासन नियमों को और कड़ा कर दिया था जिससे छोटी नावों से आने वाले अवैध प्रवासियों के लिए नागरिकता हासिल करना लगभग असंभव हो गया है।  

हालांकि एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि हर किसी को शरण लेने का अधिकार होना चाहिए। वहीं रिफ्यूजी काउंसिल ने ब्रिटिश सरकार से कानूनी शरण लेने की रास्त के रोड़े दूर करने का आग्रह किया।  

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