सांकेतिक तस्वीर / साभार सोशल मीडिया
अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको और कोलंबिया तक फैले एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क पर कार्रवाई के दौरान दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक दीपक बलवंत पारदकर और गुरसेवक सिंह बल भी शामिल हैं जिन्हें एक हाई-प्रोफाइल गवाह की हत्या में सहायता करने के आरोप में पकड़ा गया है।
पारदकर कनाडा में एक आपराधिक वकील हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने मेक्सिको में रह रहे 44 वर्षीय कनाडाई नागरिक रयान जेम्स वेडिंग को गवाह की हत्या करने की सलाह दी ताकि वे अमेरिका प्रत्यर्पण और कई मादक पदार्थ और हत्या संबंधी आरोपों से बच सकें। वेडिंग एफबीआई की टेन मोस्ट वॉन्टेड फ्यूजिटिव्स सूची में शामिल है।
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार पारदकर ने वेडिंग को वे अदालत संबंधी दस्तावेज और जानकारी भी उपलब्ध कराई जिन तक उसकी सामान्य परिस्थितियों में पहुंच संभव नहीं थी। उन्होंने ऐसे वकील भी तय किए जिनके जरिए वेडिंग उन गिरोह सदस्यों से संपर्क में आ सका जो पहले ही गिरफ्तार, आरोपित या जांच के दायरे में थे।
वहीं गुरसेवक सिंह बल ‘द डर्टी न्यूज’ नामक वेबसाइट के सह-संस्थापक हैं। गुरसेवक पर आरोप है कि उन्होंने वेडिंग से सहमति के बाद वेबसाइट पर उससे जुड़े समाचार न डालने और इसके बजाय एक गवाह की तस्वीर प्रकाशित करने की योजना बनाई, ताकि उस गवाह को ढूंढकर मारा जा सके। बाद में इस वेबसाइट को संघीय वारंट के आधार पर जब्त कर लिया गया।
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने कहा कि आज की कार्रवाई दुनिया भर में एफबीआई और उसके साझेदारों की लगातार मेहनत का नतीजा है जिसका उद्देश्य हिंसक गैंग और ड्रग नेटवर्क को खत्म करना है। उन्होंने यह भी कहा कि वेडिंग और उसके साथी हर साल कोलंबिया से मेक्सिको के रास्ते अमेरिका में भारी मात्रा में कोकीन की तस्करी करते थे और ऐसी हिंसक आपराधिक गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
अमेरिकी न्याय विभाग ने अपने बयान में कहा कि यह मामला ऑपरेशन टेक बैक अमेरिका का हिस्सा है जिसका उद्देश्य अवैध आव्रजन, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक गैंग और कार्टेल्स को पूरी तरह खत्म करना और अमेरिकी समुदायों को हिंसक अपराधियों से सुरक्षित रखना है।
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