जैसे-जैसे विधेयक अपने तीसरे विधायी सत्र में आगे बढ़ रहा है, इसके समर्थक कानून निर्माताओं से कार्रवाई करने का आग्रह कर रहे हैं। / Courtesy photo
11 फरवरी को न्यू यॉर्क स्टेट कैपिटल में जोरदार प्रदर्शन हुआ। नेता, छात्र और कार्यकर्ता एक साथ आए और पब्लिक स्कूलों में एशियन अमेरिकन, नेटिव हवाईयन और पैसिफिक आइस्लैंडर (AANHPI) समुदायों के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की।
ये सब लोग सीनेट बिल 3334 / असेंबली बिल A4638 के सपोर्ट में थे। ये बिल सीनेटर जॉन सी. लियू (डेमोक्रेट-16) और असेंबली मेंबर ग्रेस ली (डेमोक्रेट-65) ने लाया है। यह बिल AANHPI पाठ्यक्रम विकसित करने और मौजूदा कार्यान्वयन प्रयासों का मूल्यांकन करने की मांग करता है।
सीनेटर लियू ने कहा, 'बहुत लंबे समय से अमेरिका के एशियन लोगों के योगदान और उनकी मुश्किलों को स्कूलों में या तो छिपाया गया है या फिर उनकी असली कहानी ही बदल दी गई है। पब्लिक स्कूलों में एशियन अमेरिकन का इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि ये अमेरिका का ही इतिहास है।'
असेंबली मेंबर ली ने आगे कहा, 'AANHPI का इतिहास अमेरिका का ही इतिहास है, जो हमारे देश के रंग-बिरंगे कल्चर को दिखाता है। AANHPI कम्युनिटी के योगदान, चुनौतियों और उनकी हिम्मत की कहानियों को सामने लाकर हम बच्चों को हमारे देश के इतिहास की ज्यादा सही और पूरी तस्वीर दिखा सकते हैं।'
2023 में बनी REACH कोएलिशन इस मुहिम की मुख्य ताकत है। इसको 150 से अधिक स्टूडेंट्स, पेरेंट्स, टीचर्स और 60 से ज्यादा सामुदायिक संगठनों का साथ मिल रहा है।
11 फरवरी को न्यू यॉर्क स्टेट कैपिटल में जोरदार प्रदर्शन हुआ। / Courtesy Photoकोएलिशन फॉर एशियन अमेरिकन चिल्ड्रन एंड फैमिलीज की अनीता गुंडन्ना और वैनेसा लियूंग ने कहा, 'AANHPI समुदायों के समृद्ध और विविध इतिहास को सीखना 'सदा विदेशी' और 'मॉडल अल्पसंख्यक' मिथकों से लड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम है।' लोकेलाइज्ड हिस्ट्री प्रोजेक्ट की श्रेया सुंदरम ने कहा, 'इतिहास का पाठ्यक्रम छात्रों को अदृश्य महसूस कराकर नुकसान पहुंचा सकता है या उन्हें सशक्त बना सकता है।'
कैरेबियन इक्वैलिटी प्रोजेक्ट के संस्थापक मोहम्मद क्यू. अमीन ने न्यू यॉर्क की बड़ी इंडो-कैरेबियन आबादी को देखते हुए इंडो-कैरेबियन इतिहास पढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'हजारों गुलाम मजदूरों की विरासत, उनकी मुश्किलों और हिम्मत को याद रखने के लिए इंडो-कैरेबियन इतिहास पढ़ाना बहुत जरूरी है।'
स्टॉप AAPI हेट के केनी गुयेन ने कहा, 'पढ़ाई से नस्लवाद की जड़ ही खत्म होती है।' उन्होंने बताया कि AAPI कम्युनिटी के खिलाफ नफरत से जुड़े अपराध भी बहुत ज्यादा हो रहे हैं। सिख कोएलिशन की हरमीत कौर कम्बोज ने कहा, 'ये जरूरी है कि बच्चे ऐसा इतिहास पढ़ें जिससे सबको साथ लेकर चलने की भावना पैदा हो।'
जैसे-जैसे विधेयक अपने तीसरे विधायी सत्र में आगे बढ़ रहा है, इसके समर्थक कानून निर्माताओं से कार्रवाई करने का आग्रह कर रहे हैं। OCA-NY और REACH की ब्रायना सीया ने कहा, 'न्यू यॉर्क राज्य को ऐसा पाठ्यक्रम पढ़ाना चाहिए जो हमारी कक्षाओं में मौजूद जातीय और नस्लीय विविधता को दिखाए।'
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login