अमेरिका में बढ़ते घृणा अपराधों (Hate Crimes) को लेकर अब सरकार और सामाजिक संगठनों की चिंता तेज होती जा रही है। इसी बीच, सिख कोएलिशन (Sikh Coalition) ने एक द्विदलीय (बाइपार्टीजन) विधेयक 'इम्प्रूविंग रिपोर्टिंग टू प्रिवेंट हेट एक्ट' (Improving Reporting to Prevent Hate Act) को अपना समर्थन दिया है। यह विधेयक एफबीआई के पास नफरत से प्रेरित अपराधों की अधिक विश्वसनीय, सुसंगत और व्यापक रिपोर्टिंग को अनिवार्य बनाने का प्रयास करता है।
'असली आंकड़े कहीं ज्यादा डरावने हैं'
सिख कोएलिशन की फेडरल पॉलिसी मैनेजर मननिरमल कौर ने कहा, “हमारे देश में नफरत आधारित अपराधों और घटनाओं के आंकड़े जितने चिंताजनक हैं, असली स्थिति उससे भी अधिक भयावह हो सकती है। हर साल हजारों कानून प्रवर्तन एजेंसियां (Law Enforcement Agencies) एफबीआई को ऐसे किसी भी अपराध की जानकारी नहीं देतीं, जिससे हाशिये पर खड़े समुदायों की वास्तविक स्थिति छिपी रह जाती है।”
यह विधेयक 1 अप्रैल को डेमोक्रेट सांसद डॉन बेयर और रिपब्लिकन डॉन बेकन द्वारा प्रस्तुत किया गया। यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब एफबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 2023 में नफरत अपराधों की संख्या रिकॉर्ड 11,862 तक पहुंच गई — जिनमें यहूदी विरोधी और अश्वेत विरोधी घटनाओं में तीव्र वृद्धि देखी गई।
'हकीकत को पहचानना जरूरी'
अमेरिकन यहूदी समिति (AJC) के सीईओ टेड ड्यूच ने बताया कि 2023 में यहूदियों के खिलाफ 1,832 अपराध दर्ज किए गए — जो पिछले साल की तुलना में 63% अधिक थे। उन्होंने कहा, “अगर हमें अमेरिका में यहूदी विरोध को प्रभावी ढंग से रोकना है, तो हमें नफरत पर आधारित हिंसा की सही तस्वीर जाननी होगी।”
एफबीआई डेटा में कमियां, समाधान जरूरी
हालांकि अमेरिका में 18,000 से अधिक कानून प्रवर्तन एजेंसियां हैं, लेकिन उनमें से 2,000 से अधिक एजेंसियों ने एफबीआई को कोई भी डेटा नहीं दिया, और जिन लोगों ने दिया उनमें से 80% ने शून्य अपराध रिपोर्ट किए — जो नागरिक अधिकार समूहों के अनुसार अविश्वसनीय आंकड़ा है।
'सटीक डेटा के बिना समाधान नहीं'
साउदर्न पॉवर्टी लॉ सेंटर की सकीरा कुक ने कहा, “यदि हमारे पास सटीक और संपूर्ण डेटा नहीं होगा, तो हम इस राष्ट्रीय समस्या का सही से सामना नहीं कर सकते। सभी प्रकार की नफरत के खिलाफ समावेशी और परस्पर जुड़ा हुआ दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।”
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सिख समुदाय सबसे अधिक निशाने पर
सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड (SALDEF) की कार्यकारी निदेशक किरण कौर गिल ने कहा, “प्रति व्यक्ति के हिसाब से देखें तो सिख अमेरिकी सबसे अधिक निशाना बनाए जाने वाले धार्मिक समुदायों में से एक हैं। यह विधेयक सही दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
क्या होगा विधेयक में?
इस कानून के तहत न्याय विभाग (DOJ) को ऐसी प्रणाली विकसित करनी होगी जो यह आकलन कर सके कि क्या स्थानीय एजेंसियां hate crime को सही से रिपोर्ट कर रही हैं या नहीं। जो इलाके नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन्हें जागरूकता अभियान चलाना होगा और वे कुछ फेडरल फंडिंग से वंचित हो सकते हैं।
अंततः यह विधेयक सिर्फ एक कागजी कवायद नहीं, बल्कि अमेरिका में सभी नस्लीय, धार्मिक और जातीय समुदायों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है — जिसे अब व्यापक समर्थन मिल रहा है।
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