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‘अमेरिकन बर्थराइट’ करिकुलम के खिलाफ सिखों ने क्यों खोला मोर्चा?

सिख समुदाय का दावा है कि अमेरिकन बर्थराइट करिकुलम में सिखों की विकृत और भेदभावपूर्ण छवि पेश की गई है।

सिख संगठनों ने शिक्षा अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे इस खतरनाक संदर्भ को हटवाएं और / Representative Image : Unsplash

पूरे अमेरिका के सिख संगठनों ने सिविक्स अलायंस द्वारा तैयार सोशल स्टडी के अमेरिकन बर्थराइट मॉडल की कड़ी आलोचना की है। इन मानकों में सिखों और सिखी के बारे में आपत्तिजनक संदर्भ दिए गए हैं। गुरुद्वारों, सिख अधिकार समूहों और शिक्षाविदों का कहना है कि ये भ्रामक और हानिकारक हैं।  

इन संगठनों ने एक ओपन लेटर में स्कूल सिलेबस से ‘सिख टेरर’ शब्द को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि यह शब्द ग़लत तरीके से सिखों की इमेज पेश करता है और उनके धर्म तथा समुदाय को गलत तरीके से दर्शाता है।  

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यह विवादित शब्द 10वीं ग्रेड के स्टूडेंट्स के लिए मॉडल स्टैंडर्ड में है जो कि भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के इतिहास से संबंधित है। सिख नेताओं का कहना है कि यह उनके धर्म के साथ अन्याय है। अमेरिकन बर्थराइट मॉडल में 'सिख आतंक' का संदर्भ न केवल अपमानजनक है बल्कि सिखों के प्रति पूर्वाग्रह को भी बढ़ावा देता है। 

सिविक्स अलायंस का दावा है कि अमेरिकन बर्थराइट करिकुलम निजी स्वतंत्रता, धार्मिक आजादी और लोकतांत्रिक शासन को महत्व देता है। लेकिन सिख समुदाय का दावा है कि ये मानक सिखों की विकृत और भेदभावपूर्ण छवि पेश करते हैं।  सिख संगठनों ने राज्य के प्रतिनिधियों से इस करिकुलम का विरोध करने की अपील की है। 



सिख संगठनों का कहना है कि वे पिछले 15 वर्षों से स्कूलों में सिख धर्म की सटीक और संवैधानिक रूप से उपयुक्त जानकारी शामिल कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सिखी को अन्य प्रमुख धर्मों की तरह सम्मानजनक रूप से पढ़ाया जाना चाहिए ताकि गलत धारणाओं को दूर किया जा सके।  

पत्र में 9/11 के बाद के हालात का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उस वक्त पगड़ी और लंबे केश के कारण सिखों को गलत पहचान की वजह से नफरत और बदसलूकी का सामना करना पड़ा था। कहा गया कि सिख छात्र स्कूल में पढ़ने आते हैं ना कि अपने धर्म की सफाई देने या आतंकवाद संबंधी झूठे आरोपों का पर सफाई देने के लिए।  

सिख संगठनों ने शिक्षा अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे इस खतरनाक संदर्भ को हटवाएं और इतिहास व सोशल स्टडी करिकुलम में सिखों की निष्पक्ष, सटीक और पूर्वाग्रह से मुक्त जानकारी सुनिश्चित करें।

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