 तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक नेता दलाई लामा।  / REUTERS/Clodagh Kilcoyne/File Photo
                                तिब्बत के निर्वासित आध्यात्मिक नेता दलाई लामा।  / REUTERS/Clodagh Kilcoyne/File Photo
            
                      
               
             
            अमेरिकी विदेश विभाग और व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने 21 अगस्त को न्यूयॉर्क में दलाई लामा से मुलाकात की और तिब्बतियों के मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। विदेश विभाग ने दलाई लामा से अधिकारियों की मुलाकात का खुलासा किया है।
तिब्बती बौद्ध धर्म के 89 वर्षीय निर्वासित आध्यात्मिक नेता से मुलाकात से चीन चिढ़ गया है। चीन दलाई लामा को खतरनाक अलगाववादी मानता है और किसी भी देश के अधिकारियों के साथ संपर्क का विरोध करता है।
दलाई लामा तिब्बत में चीनी शासन के खिलाफ असफल विद्रोह के बाद 1959 में भारत भाग गए थे। अपने घुटनों के इलाज के लिए वह जून में न्यूयॉर्क गए और 2017 के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका की उनकी यह पहली यात्रा थी।
विदेश विभाग के एक बयान में कहा गया है कि मानवाधिकार के लिए अमेरिकी अवर सचिव और तिब्बती मुद्दों के विशेष समन्वयक उजरा जेया ने दलाई लामा के साथ मुलाकात के लिए न्यूयॉर्क की यात्रा की। इसमें मानवाधिकार के लिए व्हाइट हाउस के निदेशक केली रज्जौक भी शामिल हुए।
विदेश विभाग की ओर से जारी जानकारी में कहा गया है कि जेया ने राष्ट्रपति बाइडेन की ओर से परम-पावन के अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दीं और तिब्बतियों के मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने और उनकी विशिष्ट ऐतिहासिक, भाषाई, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयासों का समर्थन करने के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
बयान में कहा गया है कि जेया ने तिब्बत में मानवाधिकारों के हनन को संबोधित करने के अमेरिकी प्रयासों और चीन व दलाई लामा के बीच बातचीत फिर से शुरू करने के समर्थन पर चर्चा की।
दूसरी ओर, वॉशिंगटन में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा कि चीन बैठक को लेकर 'गंभीर रूप से चिंतित' है और अमेरिका से दलाई लामा के साथ कोई संपर्क न रखने का आग्रह करता है।
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