कोलकाता के एसएन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज के वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है। उन्होंने पाया है कि मानव शरीर का सबसे बड़ा एंटीबॉडी, Immunoglobulin M (IgM), सिर्फ रासायनिक ढाल ही नहीं बल्कि भौतिक सुरक्षा का काम भी करता है, जिससे बैक्टीरिया के टॉक्सिन्स (जहरीले प्रोटीन) प्रभावित नहीं हो पाते। यह खोज इम्यून सिस्टम को समझने के तरीके को बदल सकती है और नई दवाओं के डिजाइन के लिए रास्ता खोलती है।
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एंटीबॉडी क्या है?
एंटीबॉडी Y-आकार की प्रोटीन होती हैं, जो शरीर की इम्यून सिस्टम द्वारा बनती हैं। ये बैक्टीरिया और वायरस जैसी हानिकारक चीज़ों को पहचानती हैं और उन्हें नष्ट करती हैं। IgM सबसे पहला एंटीबॉडी होता है जो संक्रमण के शुरुआती चरण में बनता है। यह सबसे बड़ा एंटीबॉडी है और इसका ढांचा 10 बाइंडिंग साइट्स वाला होता है, जिससे यह जल्दी और प्रभावी सुरक्षा देता है। अब तक वैज्ञानिक सोचते थे कि IgM का काम सिर्फ रासायनिक होता है। लेकिन इस शोध से पता चला कि IgM भौतिक रूप से भी बैक्टीरिया के प्रोटीन को स्थिर करता है, जिससे वे टूटते या फैलते नहीं हैं।
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