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सोने की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल से NRIs के निवेश पर बंपर फायदा

दुनिया में सोने के दूसरे सबसे बड़े आयातक भारत में गोल्ड की कीमतें 852 डॉलर प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई हैं। मार्च 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना आने के बाद से गोल्ड की कीमतों में 69 फीसदी की वृद्धि हुई है।

भारत में गोल्ड की कीमतें 24 मार्च को 852 डॉलर प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गईं। / साभार सोशल मीडिया

भारतीय बाजार में सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं। 2024 की शुरुआत से ही इसमें 9% से अधिक की वृद्धि हो चुकी है। एनआरआई समुदाय के लिए निवेश के पारंपरिक विकल्पों के मुकाबले गोल्ड ने अच्छा मुनाफा दिया है। ऐसे में जिन लोगों ने गोल्ड में निवेश किया है, उनकी बल्ले बल्ले हो गई है।

सोने की कीमतें भले ही बढ़ी हों, लेकिन भारतीय रुपये की वैल्यू में हालिया गिरावट विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए निवेश का नया मौका लेकर आई है। वे रुपये के अवमूल्यन का फायदा उठाकर निवेश का फायदा उठा सकते हैं।

दुनिया में सोने के दूसरे सबसे बड़े आयातक भारत में गोल्ड की कीमतें 24 मार्च को 852 डॉलर प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गईं। मार्च 2020 में वैश्विक महामारी कोरोना आने के बाद से गोल्ड की कीमतों में 69 फीसदी की वृद्धि हुई है। सोना खरीदना बेशक महंगा हो गया है, लेकिन निवेश के नजरिए से देखें तो सोने की चमक बढ़ गई है। 

सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव की कई वजहें हैं। एक वजह इसके प्रति पारंपरिक लगाव और महंगाई की मार से बचने के दीर्घकालीन साधन के रूप में निहित है। इसके अलावा यूक्रेन-गाजा जैसे क्षेत्रों में युद्ध और तनाव की वजह से भी निवेशकों और नागरिकों का सोने में निवेश बढ़ा है। 

रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर को छू चुका है। इसने निवेशकों का अमेरिकी डॉलर में विश्वास डगमगा दिया है। डॉलर की अस्थिरता के इस दौर में बचत और निवेश को निर्धारित करने में आत्मविश्वास का अहम रोल रहा है। 

अप्रैल से दिसंबर 2023 की अवधि में सोने की कीमतें लगभग स्थिर रही थीं। इस दौरान इसके दाम लगभग 756 डॉलर प्रति 10 ग्राम के आसपास रहे। इस स्थिरता के कारण गोल्ड के आयात में 26.7% की वृद्धि हुई और यह 36 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।

हालांकि मार्च 2024 में हालात फिर से बदले।  सोने की कीमत 10% बढ़कर 852 डॉलर प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई। इसकी वजह से गोल्ड की मांग में 90% तक की गिरावट आ चुकी है। 

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन का आकलन है कि सोने की कीमतों में उछाल ने उपभोक्ता मांग के लिए कई चुनौतियां पेश की हैं। खासकर ऐसे समय में जब, भारत में लोकसभा के चुनाव सिर पर हैं। सोने और नकदी की आवाजाही पर चुनाव आयोग की पैनी नजर ने भी इसकी मांग को कम करने में भूमिका निभाई है। कीमतों में उछाल से सोने से जुड़े वित्तीय उत्पादों में निवेश बढ़ने की संभावना बन गई है। 

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