ADVERTISEMENT

मोंटाना स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रो. दिलप्रीत बाजवा IAWS के फेलो नामित

प्रो. दिलप्रीत बाजवा ने 185 से अधिक पियर रिव्यू जर्नल लेख और टेक्नीकल पेपर लिखे हैं। उनके नाम पर आठ आविष्कार और पेटेंट रिकॉर्ड हैं। वह 44 से अधिक रिसर्च प्रोजेक्टों में शामिल रहे हैं

अकादमिक क्षेत्र में भी प्रो दिलप्रीत का उल्लेखनीय रिकॉर्ड रहा है। / @montanastate

मोंटाना स्टेट यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. दिलप्रीत बाजवा को इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ वुड साइंस (IAWS) का फेलो नामित किया गया है।

IAWS एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसमें लकड़ी विज्ञान के शोधकर्ता शामिल हैं। यह ऐसे साथियों का चुनाव करता है जिन्होंने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है और उच्चतम वैज्ञानिक मानकों का पालन किया है।

एमएसयू के नॉर्म असबॉर्नसन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के डीन ब्रेट गुनिंक ने बाजवा की प्रशंसा करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा यह उनके उत्कृष्टता भरे करियर को मान्यता प्रदान करता है।

एमएसयू केंद्रों में बाजवा के अधिकांश शोध लकड़ी, फाइबर कंपोजिट और जैव आधारित सामग्रियों पर केंद्रित हैं। उन्होंने कृषि के बाई प्रोडक्ट्स की वैल्यू बढ़ाने और ऊर्जा भंडारण के लिए बायोमास के उपयोग की दिशा में भी कार्य किया है। 

इस सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए बाजवा ने कहा कि मैं इस प्रतिष्ठित संगठन का फेलो चुने जाने पर बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह मुझे प्रेरित करता है कि मैं अपने शोध को मान्यता दिलवाने के लिए अधिक उत्साह के साथ कार्य करूं।

बाजवा एल्सेवियर के औद्योगिक फसल एवं उत्पाद संबंधी पत्रिका के प्रधान संपादक भी हैं। उनका प्रभावशाली अकादमिक रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने 185 से अधिक पियर रिव्यू जर्नल लेख और टेक्नीकल पेपर लिखे हैं। उनके नाम पर आठ आविष्कार और पेटेंट रिकॉर्ड हैं। वह 44 से अधिक रिसर्च प्रोजेक्टों में शामिल रहे हैं और उनकी भागीदारी से 45 मिलियन डॉलर से अधिक के अनुसंधान निधि एकत्र हो चुकी है। 

इसके अलावा, बाजवा ने कई स्नातकों, पोस्ट डॉक्टोरल शोधकर्ताओं और विद्वानों को सलाह देने एवं पर्यवेक्षण में भी अहम भूमिका निभाई है। उनके शोध कार्यों को राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन, यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर, यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी और यूएस आर्मी जैसे सम्मानित संस्थानों से फंडिंग मिल चुकी है।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related