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लोकसभा चुनावः पंजाब में खालिस्तानी नेता की जीत, पूर्व पीएम के हत्यारे का बेटा भी बना सांसद

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया हैं और इन दिनों देशद्रोह के आरोप में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। अमृतपाल के अलावा पंजाब से एक चौंकाने वाली जीत सरबजीत सिंह खालसा की रही है।

अमृतपाल सिंह और सरबजीत सिंह खालसा / फोटो साभार सोशल मीडिया

भारत के लोकसभा चुनावों में पंजाब से एक चौंकाने वाला नतीजा सामने आया। यहां की खडूर साहिब सीट से चुनाव मैदान में उतरे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने जीत दर्ज कर ली है। अमृतपाल इस वक्त जेल में कैद है। उनके अलावा, भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा ने भी चुनावी जीत दर्ज की है।

अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया हैं और इन दिनों देशद्रोह के आरोप में असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उन्होंने जेल से ही लोकसभा चुनाव के लिए बतौर निर्दलीय उम्मीदवार पर्चा भरा था। चूंकि अमृतपाल जेल में कैद हैं, इसलिए उनके माता-पिता और भाई ने चुनाव में उनकी तरफ से प्रचार की कमान संभाली थी। 

भारतीय चुनाव आयोग की बेवसाइट के मुताबिक, खडूर साहिब सीट पर अमृतपाल सिंह ने एक लाख 97 हजार 120 वोटों से अपने प्रतिद्वंदी पर जीत दर्ज की है। निर्दलीय उम्मीदवार अमृतपाल सिंह को 4,04,430 वोट मिल थे। दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी के कुलबीर सिंह जीरा रहे, जिनके खाते में 2,07,310 वोट आए। अमृतपाल सिंह को शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) का  समर्थन हासिल था।

अमृतपाल सिंह को खालिस्तान समर्थक माना जाता है। वह मूल रूप से अमृतसर के जल्लू खेड़ा गांव के रहने वाले हैं। 2012 से पहले वह दुबई चले गए थे। वहां उन्होंने परिवार के साथ मिलकर ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू किया। 2022 में अमृतपाल सिंह वापस भारत लौटे। उसी साल उन्होंने जरनैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे में वारिस पंजाब दे नाम के संगठन की कमान संभाली। ये संगठन दिल्ली में लाल किले पर हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू ने बनाया था। 

अमृतपाल ने संगठन की कमान संभालने के साथ ही खुद को भिंडरावाले का अनुयायी बताते हुए युवाओं से अगली जंग के लिए तैयार होने का आह्वान किया था। कुछ समय बाद अमृतपाल और उनके साथियों पर अजनाला थाने पर हमला करने का आरोप लगा। आरोप है कि इस दौरान उन्होंने भारत के गृह मंत्री अमित शाह को भी धमकी दी थी। बाद में बड़ा अभियान चलाकर अमृतपाल को सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया था। 

अमृतपाल सिंह के अलावा पंजाब से एक चौंकाने वाली जीत सरबजीत सिंह खालसा की रही। सरबजीत पूर्व भारतीय पीएम इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे हैं। बेअंत सिंह इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी गार्ड थे, जिन्होंने 1984 में अमृतसर के गोल्डन टेंपल पर हमले के विरोध में इंदिरा को गोली मार दी थी। बेअंत को दूसरे गार्ड ने वहीं गोली मार दी थी। सरबजीत सिंह ने फरीदकोट लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी करमजीत सिंह अनमोल को 70 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। सरबजीत पहले भी कई बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत उन्हें पहली बार हासिल हुई है। 

पंजाब के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है। उसे यहां पर सात सीटों पर जीत मिली है। वहीं आम आदमी पार्टी को तीन सीटें मिली हैं। पंजाब के चार मंत्री चुनाव हार गए हैं। पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी जालंधर सीट पर जीत गए हैं। बीजेपी की परणीत कौर को आम आदमी पार्टी के धर्मवीर गांधी ने पटियाला सीट पर तगड़ी शिकस्त दी है। 

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