भारत में पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है जो लंदन के प्रतिष्ठित कार्डियोलॉजिस्ट प्रोफेसर जॉन कैम की पहचान का इस्तेमाल करके नकली डॉक्टर के तौर पर काम कर रहा था। मध्य प्रदेश के दमोह में यह मामला तब खुला, जब स्थानीय मिशन हॉस्पिटल में सात मरीजों की मौत की जांच शुरू हुई।
पुलिस अधीक्षक श्रुत्कीर्ति सोमवंशी ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति खुद को नरेंद्र जॉन कैम बताता था। प्रो जॉन कैम ब्रिटिश के एक डॉक्टर हैं। अस्पताल की वेबसाइट पर भी यही नाम हिंदी में लिखा था।
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लंदन के सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी के एमेरिटस प्रोफेसर जॉन कैम ने एएफपी से बातचीत में इस मामले को बेहद परेशान करने वाला बताया। उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल से वह और उनके सहयोगी इस धोखेबाज को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
प्रोफेसर कैम ने बताया कि यह शख्स कभी उनकी पहचान को अपनी बताता था और कभी दावा करता था कि लंदन में मैंने उसे ट्रेनिंग दी है। लेकिन मेरे जूनियरों ने सोशल मीडिया पर उसकी पोल खोल दी थी। भारत में डॉक्टरों ने सोशल मीडिया के जरिए इस नकली डॉक्टर को पहचाना।
मिशन हॉस्पिटल में इस साल सात मरीजों की मौत हो गई थी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जांच शुरू की थी तो पता चला कि सभी मरीजों का एंजियोप्लास्टी ऑपरेशन इसी गिरफ्तार व्यक्ति ने किया था। मरीजों की मौत की जांच शुरू होने के बाद वह गायब हो गया था।
मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि अगर यह कथित डॉक्टर दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हाल के वर्षों में अधिकारियों ने नकली डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई तेज की है।
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