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स्टैनफोर्ड एआई समिट में छाए पीएम मोदी, प्रवासियों-विशेषज्ञों ने तारीफों के पुल बांधे

समिट में उपस्थित नेताओं ने खासतौर से सामाजिक विकास, कृषि, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा जैसे समावेशी विकास के क्षेत्रों में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता का इस्तेमाल करने की पीएम मोदी की गहरी समझ की सराहना की।

इंडियास्पोरा एआई समिट में तमाम सीईओ, प्रबंध निदेशकों, टेक्नोक्रेट और शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया। / X @satnamsandhuchd

भारतीय मूल के अमेरिकी प्रवासियों और विशेषज्ञों ने स्टैनफोर्ड शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की दिल खोलकर तारीफ की। इस इंडियास्पोरा एआई समिट का आयोजन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में किया गया था। 

इस अवसर पर भारतीय प्रवासी सदस्यों, व्यापारिक नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की पीएम मोदी के रणनीतिक दृष्टिकोण की भी सराहना की। 



इस समिट में विभिन्न क्षेत्रों के सीईओ, प्रबंध निदेशकों, टेक्नोक्रेट और शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया। भारतमें अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के चांसलर सतनाम सिंह संधू जैसी प्रमुख हस्तियां भी शामिल हुईं। 

इस अवसर पर उपस्थित नेताओं ने खासतौर से सामाजिक विकास, कृषि, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा जैसे समावेशी विकास के क्षेत्रों में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता का इस्तेमाल करने की पीएम मोदी की गहरी समझ पर चर्चा की। 

कार्यक्रम में लाजारस्की विश्वविद्यालय (पोलैंड) के डॉ मार्टिन डाहल का सह-लेखक बॉब सिद्धू और तेजस धामी के साथ लिखित शोध पत्र पेश किया गया। इसमें व्यापार सूचकांकों की गणना में पश्चिमी एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों जैसे कि भारत में व्यापार करने में आसानी, आलोचनात्मक आकलन की जांच की गई। 

आयरन सिस्टम्स का प्रतिनिधित्व करने वाले बॉब सिद्धू ने निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने और व्यावसायिक पंजीकरण प्रक्रिया सुव्यवस्थित करने संबंधी भारत के सुधारों पर जोर दिया। उन्होंने त्रुटिपूर्ण रैंकिंग पर चिंता व्यक्त की जो व्यापार सुविधा में भारत की प्रगति के साथ मेल नहीं खाती है।

तेजस धामी ने भी सिद्धू के विचारों से सहमति जताते हुए वैश्विक व्यापार रैंकिंग में पारदर्शिता और सटीक डेटा की अनिवार्यता पर जोर दिया। दोनों विशेषज्ञों ने उच्च रैंक वाले देशों की तुलना में कई मामलों में भारत के बेहतर प्रदर्शन को रेखांकित किया, साथ ही विसंगतियों के लिए प्रणालीगत पूर्वाग्रहों और डेटा अनियमितताओं को जिम्मेदार ठहराया। 

शिखर सम्मेलन में कलारी कैपिटल की वाणी कोला ने व्यापार के अनुकूल माहौल बनाने के लिए मोदी की नीतियों की सराहना की, जिसकी वजह से भारत एक अग्रणी स्टार्टअप राष्ट्र में बदल रहा है। सैन फ्रांसिस्को स्थित ड्यूश बैंक में टीएमटी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के सह-प्रमुख अजय शाह ने कहा कि एआई को लेकर आज भारत एआई क्रांति में सबसे आगे है। इसका श्रेय न सिर्फ देश में सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी की शानदार प्रतिभाओं को बल्कि पीएम मोदी के प्रयासों भी जाता है। 

हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्रों के संघ के सीआईओ रोहित जैन ने कहा कि मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में भारत एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के वैश्विक केंद्र में बदल गया है। भारत आज वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी में अग्रणी है। वह सिलिकॉन वैली प्रौद्योगिकी का केंद्र बन चुका है।

इकिगई लैब्स के अध्यक्ष कमल अहलूवालिया ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों में विकास के बहुत कार्य किए हैं। 2014 के बाद से भारत में विभिन्न क्षेत्रों में तमाम अवसर उभर कर सामने आए हैं। भारत के कुशल कार्यबल में वृद्धि, खासतौर से डेटा और एआई मॉडल में प्रगति का श्रेय पीएम मोदी को जाता है। 

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