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mRNA वैक्सीन कटौती: भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेट्स के निशाने पर ट्रम्प

mRNA के टीके किसी बीमारी के वायरस को पहचान करने के साथ उनके संक्रमण को रोकने के रोग प्रतिरोधक क्षमता डेवलप करते हैं।

बाएं से) प्रतिनिधि अमी बेरा, प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल, प्रतिनिधि श्री थानेदार / X/@Ami Bera, X@RepPramila Jayapal, X@Shri Thanedar

भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने RFK जूनियर की mRNA वैक्सीन अनुबंध को लेकर कटौती को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को निशाने पर लिया है। उन्होंने दावा किया कि mRNA वैक्सीन को लेकर सरकार ने यह कहा है कि यह कुछ संक्रमणों पर प्रभावी नहीं हैं। ऐसे में करीब 500 मिलियन डॉलर की फंडिंग रद्द कर दी गई, जो अनुचित है। डेमोक्रेट्स ने ट्रम्प के इस फैसले को खतरनाक, अवैज्ञानिक और आम जन के स्वास्थ्य के लिए खतरा बताया।

mRNA वैक्सीन कटौती को लेकर दो दशक तक चिकित्सा सेवाएं देने वाले कांग्रेसी प्रतिनिधि डॉ. अमी बेरा ने दावा किया कि आरएफके जूनियर का फैसला वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सही नहीं है। उन्होंने कोरोना काल की याद दिलाते हुए कहा कि mRNA तकनीक का उपयोग करके विकसित टीकों ने COVID-19 महामारी के दौरान लाखों लोगों की जान बचाई।"

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