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भारत-US व्यापार वार्ता: डेडलाइन डिप्लोमेसी में फंसा भारत, शर्तें एकतरफा

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के "बहुत बड़े सौदे" के दावे के पीछे ज़मीन पर हकीकत कुछ और ही कहानी कह रही है।

भारत और अमेरिकी ध्वज / iStock

जैसे ही भारतीय व्यापार वार्ताकार शुक्रवार को वॉशिंगटन पहुंचे, अमेरिका ने इसे “फाइनल राउंड” की संज्ञा दे दी, जबकि जानकारों के मुताबिक यह बातचीत एक "राजनीतिक दबाव रणनीति" बनकर रह गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के "बहुत बड़े सौदे" के दावे के पीछे ज़मीन पर हकीकत कुछ और ही कहानी कह रही है।

9 जुलाई की डेडलाइन
9 जुलाई को समाप्त हो रही अमेरिका की टैरिफ छूट की समय-सीमा को ‘निर्णायक मोड़’ की तरह प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक प्रकार का दबाव बनाने का तरीका है। अमेरिका ने अब तक 57 देशों पर टैरिफ लगाए लेकिन सिर्फ एक मिनी-डील (यूके के साथ) हासिल की। ऐसे में केवल भारत को टारगेट करना नीतिगत रूप से अनिश्चित और इंडो-पैसिफिक रणनीति के विपरीत भी हो सकता है।
 

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