भारत का माल व्यापार घाटा जुलाई में बढ़कर 27.35 अरब डॉलर के पार पहुंच गया, जो पिछले आठ महीनों का उच्चतम स्तर है। सरकार द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बढ़ोतरी की बड़ी वजह आयात में तेज़ उछाल रही, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत समेत कई व्यापारिक साझेदारों पर शुल्क बढ़ाने की घोषणा से पहले निर्यात में भी तेजी आई।
अप्रैल-जुलाई 2025 के दौरान अमेरिका को भारत का निर्यात 21.64% बढ़कर 33.53 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 27.57 अरब डॉलर था। वहीं, अमेरिका से आयात 15.50 अरब डॉलर से बढ़कर 17.41 अरब डॉलर हो गया।
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ट्रम्प प्रशासन ने पिछले हफ्ते भारतीय सामानों पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाया, जिससे कुल आयात-निर्यात शुल्क 50% तक पहुंच गया—जो अमेरिका के किसी भी बड़े व्यापारिक साझेदार पर सबसे अधिक दरों में से एक है। यह कदम भारत के रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण उठाया गया है।
जुलाई में भारत का निर्यात जून के 35.14 अरब डॉलर से बढ़कर 37.24 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 53.92 अरब डॉलर से उछलकर 64.59 अरब डॉलर पर पहुंच गया। जुलाई का व्यापार घाटा न सिर्फ जून के 18.78 अरब डॉलर से अधिक रहा, बल्कि अर्थशास्त्रियों के 20.35 अरब डॉलर के अनुमान को भी पार कर गया।
रिकॉर्ड की बात करें तो, नवंबर 2024 में भारत का व्यापार घाटा अब तक के उच्चतम स्तर 37.8 अरब डॉलर पर था। अधिकारियों के मुताबिक, वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद जुलाई में इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और ज्वेलरी जैसे उत्पादों के दम पर माल और सेवाओं के निर्यात में इजाफा हुआ है।
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