आज की कंपनियां ‘सिक्स सिग्मा’ के ज़रिए कम से कम गलतियां करके बेहतर काम करना चाहती हैं। यह एक खास तरीका है जिससे लाखों कामों में सिर्फ 3 से 4 गलतियां होती हैं। मोटोरोला ने 1980 के दशक में इसे बनाया और दुनिया भर की बड़ी कंपनियों ने इसे अपनाया।
भारत में मुंबई के डब्बावाले और कुंभ मेले जैसे आयोजन भी इतने अच्छे ढंग से होते हैं कि ये सिक्स सिग्मा स्तर से भी बेहतर माने जाते हैं। कई कंपनियों ने देखा है कि जब सिर्फ सिक्स सिग्मा पर ध्यान दिया जाता है तो रचनात्मकता (क्रिएटिविटी) घट जाती है। मशहूर कंपनी 3M को भी यह अनुभव हुआ। उनके वैज्ञानिक कम नए आइडिया लाने लगे, इसलिए कंपनी को सिक्स सिग्मा को कुछ हिस्सों में बंद करना पड़ा।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login