संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भारत और पाकिस्तान से संपर्क कर दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद स्थिति (टकराव) को और न बढ़ाने का आग्रह किया है।
बीती 22 अप्रैल को आतंकवादियों के एक समूह ने कश्मीर में 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें से एक नेपाली नागरिक था। यह भारत में हाल के वर्षों में हुए सबसे बड़े आतंकवादी हमलों में से एक है। भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने का प्रण लिया है।
इस्लामाबाद ने आरोपों से इनकार किया है तथा स्वतंत्र जांच की पेशकश की है। ऐसा लगता है कि नई दिल्ली अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। मंगलवार की रात को मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों को पाकिस्तान को जवाबी कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य तथा समय पर निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता दे दी।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोकने के लिए नई दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।
विदेश मंत्री मार्को रुबियो की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने अपने दैनिक समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि वह अन्य राष्ट्रीय नेताओं और विदेश मंत्रियों को इस मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि हम कश्मीर की स्थिति, भारत और पाकिस्तान के बारे में दोनों पक्षों से संपर्क कर रहे हैं और निश्चित रूप से उन्हें स्थिति को और अधिक न बढ़ाने के लिए कह रहे हैं। विदेश मंत्री को आज या कल तक पाकिस्तान और भारत के विदेश मंत्रियों से बात करने की उम्मीद है।
कल दिन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से अलग-अलग फोन पर बात की और टकराव से बचने की जरूरत पर जोर दिया, जिसके दुखद परिणाम हो सकते हैं।
जयशंकर ने X पर एक पोस्ट में कहा कि मैं पहलगाम में आतंकवादी हमले की उनकी स्पष्ट निंदा की सराहना करता हूं। जवाबदेही के महत्व पर सहमत हूं। भारत इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि इस हमले के अपराधियों, योजनाकारों और समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाया जाए।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं से बात करते हुए महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की और उन्होंने टकराव से बचने की जरूरत पर भी जोर दिया, जिसके दुखद परिणाम हो सकते हैं। महासचिव ने तनाव कम करने के किसी भी प्रयास का समर्थन करने की पेशकश की है।
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