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16th Chicago Film Festival: डॉक्यमेंट्री 'द कास्ट रश' ने छोड़ी अलग छाप

16वें शिकागो दक्षिण एशियाई फिल्म महोत्सव में 'द कास्ट रश' डॉक्यमेंट्री का प्रदर्शन अहम रहा।

द कॉस्ट रश पोस्टर / Chicago South Asian Film Festival

शिकागो दक्षिण एशियाई फिल्म महोत्सव में निखिल सिंह राजपूत द्वारा निर्देशित डॉक्यूमेंट्री 'द कास्ट रश' (The Cast Rush) का प्रदर्शन खास रहा। इंडिक डायलॉग और शोमा प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित, 60 मिनट की यह फिल्म भारत के प्राचीन मंदिरों से होते हुए व्यापक जातिगत भेदभाव के मिथकों को उजागर करती है, जिसमें समावेशी प्रथाओं, दलित पुजारियों और सामुदायिक सुधारकों को दिखाया गया है।

'द कास्ट रश' का  प्रीमियर 9 अगस्त को कैलिफोर्निया के फाइन आर्ट्स थिएटर में किया गया था। फिल्म का प्रीमियर यहां उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के गठबंधन (CoHNA) और हिंदू अमेरिकी फाउंडेशन (HAF) जैसे संगठनों द्वारा आयोजित किया गया  था।तब से इस डॉक्यूमेंट्री को 20 से अधिक शहरों प्रदर्शन  किया गया। करीब 10 हजार लोगों के इस वृत्तचित्र के प्रीमियर को अब तक देखा। इसका यह समापन 19 सितंबर को 16वें शिकागो दक्षिण एशियाई फिल्म महोत्सव (CSAFF) के लिए फिल्म के चयन के बाद हुआ है।  

माना रहा है कि द कास्ट रश का चयन CSAFF के लिए होना हिंदू समुदाय के लिए गर्व का विषय है। 

बात अगर शिकागो में 16वें दक्षिण एशियाई फिल्म महोत्सव की बात करें तो यहां  फिल्म के तथ्य-आधारित दृष्टिकोण और पश्चिमी भ्रांतियों को चुनौती देने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला गया।


शैक्षणिक प्रभाव पर
एक दर्शक ने स्क्रीनिंग के बाद कहा, यह एक आंखें खोलने वाला सच है, जो हिंदू धर्म केवल जाति व्यवस्था नहीं है... मुझे यह बहुत पसंद आया कि कैसे फिल्म ने आँकड़ों और तथ्यों के साथ हर चीज़ पर सवाल उठाया"।
वहीं हिंदू अमेरिकी किशोरों ने भी यही बात दोहराई, इसे "अगली पीढ़ी के लिए बनाया गया" और "हिंदू धर्म को समझने के लिए अवश्य देखें"।

अकादमिक जगत 
सैन एंटोनियो, टेक्सास के एक गैर-हिंदू प्रोफेसर डॉ. टिम वेस्टली ने  निर्वाचित अधिकारियों और सामुदायिक नेताओं ने सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के इसके प्रयासों की प्रशंसा की, और एक एक्स पोस्ट में इसे "हमारे घर के पिछवाड़े में जाति के प्रति एक चेतावनी" बताया। उन्होंने कहा- इस तरह के वृत्तचित्र फिल्में समाज सुधार की पहल का बढावा देती हैं।

विविधता और एकता विषय

CoHNA की पुष्पिता प्रसाद ने कहा: "यह फिल्म हिंदू मंदिरों की इंद्रधनुषी विविधता की एक सुंदर झलक प्रस्तुत करती है - जो आस्था, संस्कृति और समुदाय का उत्सव है।"

कार्यक्रम में बे एरिया समेत की स्थानों से लोग पहुंचे। इसमें  जिनमें गैर-हिंदू और प्रोफेसर भी शामिल थे।  एक्स उपयोगकर्ताओं ने डॉक्यमेंट्री द कास्ट रश को "हर पीढ़ी के लिए अवश्य देखने योग्य" बताया।

डॉक्यमेंट्री की  हुई खूब प्रशंसा

IMDB ने डॉक्यूमेंट्री को लेकर मिल रही प्रतिक्रियों को लेकर अपने प्रोडक्शन पर गर्व किया। उन्होंने कहा-अब हमारे पास ऐसे निर्देशक हैं... जो बड़े पर्दे का उपयोग हिंदू समाज के बारे में मूलभूत सत्य को प्रस्तुत करने और पश्चिम में हिंदू समाज का विश्वास और सम्मान पुनः प्राप्त करने में उनकी मदद करने के लिए कर रहे हैं।"

एक अन्य पोस्ट में लिखा गया,"हमें द कास्ट रश जैसी और भी कई वृत्तचित्रों की आवश्यकता है। यह फिल्म जाति का अर्थ समझाती है और यह तथ्य दिखाती है कि जाति वह नहीं है जो लोग इसे बनाते हैं।" 

फिल्म महोत्सव में पहुंचे कई क्षेत्रों से लोग

16वें शिकागो दक्षिण एशियाई फिल्म महोत्सव में सैन एंटोनियो, टेक्सास, बे एरिया, कैलिफ़ोर्निया, ह्यूस्टन/डलास, टेक्सास, शिकागो, इलिनॉय, न्यूयॉर्क, एनवाई, फीनिक्स, एरिजोना, अटलांटा, जॉर्जिया, सिएटल, वाशिंगटन जैसे शहरों में स्क्रीनिंग और पोर्टलैंड, ओरेगॉन सो लोग जुड़े। 

अगला कार्यक्रम 
CSAFF 19 सितंबर को शिकागो के एएमसी रिवर ईस्ट 21 में आयोजिता किया जाएगा। इसके टिकट वेसाइट csaff.org पर उपलब्ध हैं। कार्यक्रम को लेकर अधिक जानकारी के लिए press@indicdialogue.org पर संपर्क कर सकते हैं। आगे के अपडेट के लिए  #TheCasteRush को फॉलो कर सकते हैं।
 

यह भी पढ़ें:  भारत में कमजोर साइबर सुरक्षा कानून और बच्चों पर बढ़ता जोखिम

 

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