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Under the Shadow of Death: दहशत के बीच आशा का संस्मरण है यह पुस्तक

'अंडर द शैडो ऑफ डेथ' में लेखक आशीष सरकार ने बांग्लादेश के जन्म के दौरान अपने कष्टदायक पलायन का वर्णन किया है। पलायन... पहले भारत और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका।

पुस्तक 'अंडर द शैडो ऑफ डेथ' का आवरण और लेखक आशीष सरकार। / Courtesy Photo

वर्ष 1971 में एक किशोर के रूप में आशीष सरकार ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान भारत में सुरक्षित पहुंचने के अपने बेताब प्रयास में छाती तक गहरे पानी में नौकायन किया, गोलियों से बचते हुए और पाकिस्तानी सैनिकों की निगाहों के नीचे एक उफनती नदी को पार किया।

उनका संस्मरण 'अंडर द शैडो ऑफ डेथ न केवल उन दिनों के खतरों और आघात को दर्शाता है बल्कि उस शांत शक्ति को भी उजागर करता है जिसने उन्हें सहारा दिया। इस बातचीत में सरकार उन यादों पर विचार करते हैं जिन्होंने उनके लचीलेपन को आकार दिया, उन सांस्कृतिक जड़ों पर विचार करते हैं जिन्हें उन्होंने प्रवासी भारतीयों में पोषित करना जारी रखा है और उनके इस विश्वास पर कि जब आपके आस-पास की दुनिया बिखर जाती है, तो आशा ही एकमात्र जीवन रेखा होती है। पेश हैं लेखक के साथ एक साक्षात्कार के अंश:..

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