अमेरिका और भारत के बीच दशकों से चला आ रहा रणनीतिक और आर्थिक सहयोग अब गहरे संकट में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत से आने वाले सभी आयातों पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में दरार आने का खतरा बढ़ गया है। यह फैसला एक नए कार्यकारी आदेश के तहत लिया गया, जिससे विदेशी नीति विशेषज्ञों, व्यापार जगत और भारतीय-अमेरिकी समुदाय में चिंता की लहर है।
पूर्व अमेरिकी उपविदेश मंत्री एवेन फाइगेनबाम ने इसे 'धीमी गति की तबाही' करार दिया। उनका कहना है कि दोनों देशों को बहुत कुछ खोना पड़ सकता है अगर ये तनाव सुलझा नहीं।
तीन हफ्तों का अल्टीमेटम, बड़ा झटका
ट्रम्प के इस आदेश के अनुसार, पहले से लागू 25% टैरिफ में अब 25% और जुड़ जाएगा, जिससे कुल शुल्क 50% हो जाएगा। यह आदेश तीन हफ्तों के भीतर लागू होगा, यानी भारत और अमेरिका के पास कूटनीतिक और व्यापारिक बातचीत के लिए अब बहुत कम समय बचा है।
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व्यापार जगत की चेतावनी
यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के प्रमुख अतुल केशप ने कहा कि हमारे साझा रणनीतिक हित और पूरक अर्थव्यवस्थाएं हमें करीब लाती हैं, न कि दूर। व्यापार समुदाय समाधान के लिए तैयार है।
टैरिफ बढ़ने से भारत के फार्मा, परिधान, फुटवियर और दैनिक उपयोग के सामानों के अमेरिका में निर्यात पर बुरा असर पड़ सकता है। पूर्व अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि वेंडी कटलर ने चेतावनी दी कि यह फैसला भारत से अधिकांश निर्यात को लगभग बंद कर देगा। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि बातचीत बंद कमरों में होनी चाहिए, न कि सार्वजनिक मंचों पर।
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