पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत द्वारा 7 मई को चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' ने दक्षिण एशिया की सुरक्षा रणनीति और शक्ति संतुलन को पूरी तरह बदल दिया है। इस हमले में हिन्दू तीर्थयात्रियों को उनकी पहचान के आधार पर गोली मारी गई थी, और हमलावरों ने बाकायदा संदेश दिया – “मोदी से कह देना, हमने क्या किया है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनौती का जवाब उसी भाषा में दिया और मात्र तीन दिनों के भीतर हुए सैन्य अभियान ने आतंकवादियों और उन्हें समर्थन देने वाले देशों को स्पष्ट संदेश दे दिया – भारत अब बर्दाश्त नहीं करेगा।
तीन दिन में 100 से ज्यादा आतंकी ढेर
भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के भीतर स्थित आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल एयरस्ट्राइक्स किए। इनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य अड्डों को निशाना बनाया गया। मुरिदके और बहावलपुर जैसे स्थानों पर की गई इन कार्रवाइयों में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
इन हमलों में मारे गए प्रमुख आतंकियों में अमेरिका द्वारा नामित आतंकी अब्दुल रऊफ असगर भी शामिल है, जो वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में शामिल था।
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'ये भारत अब चुप नहीं बैठता': मोदी की कड़ी चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “हमने पाकिस्तान के सीने पर मारा। तीन दिन में झुकाया। भारत अब नई नीति, नए तेवर और नई ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है।”
उनका संदेश साफ था – आतंकवाद अब भारत के लिए केवल कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। अब सीमा पार से हुआ कोई भी हमला, चाहे गैर-राज्य तत्वों द्वारा हो, भारत के खिलाफ युद्ध की घोषणा माना जाएगा।
भारत-पाक के बीच छिड़ा सबसे लंबा हवाई संघर्ष
सूत्रों के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के वायुसेनाओं के बीच एक घंटे से अधिक चला हवाई संघर्ष द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे लंबा एयर कॉम्बैट था। हालांकि दोनों देशों के लड़ाकू विमान अपनी-अपनी सीमाओं में ही रहे, लेकिन 100 मील से भी अधिक दूरी पर मिसाइलें दागी गईं।
भारतीय वायुसेना की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने मिसाइल और ड्रोन हमलों को प्रभावी रूप से निष्क्रिय किया, जबकि पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली अपेक्षाकृत कमजोर साबित हुई।
राजनयिक मोर्चे पर भी भारत का प्रहार
भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा ने CNN सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष बेहतरीन ढंग से रखा। उन्होंने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस बयान को भी उद्धृत किया, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने वर्षों से आतंकियों का "गंदा काम" किया है। यह रुख यह स्पष्ट करता है कि भारत का उद्देश्य पाकिस्तान के आम नागरिकों से नहीं, बल्कि आतंकवादी नेटवर्क और उन्हें सहयोग देने वाले सैन्य ढांचे से है।
सीज़फायर पर सवाल, लेकिन भारत की रणनीति पर मोहर
भारत द्वारा युद्ध विराम को स्वीकार करने पर कुछ आलोचक सवाल उठा रहे हैं, लेकिन रणनीतिक जानकारों का मानना है कि भारत ने अपनी बात स्पष्ट रूप से कह दी है। अब आतंकवाद के विरुद्ध सीमा पार हमले भारत की वैध रणनीति बन चुके हैं – यह एक नया सिद्धांत है।
(लेखक शिकागो स्थित स्तंभकार और निवेश पेशेवर हैं।)
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