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बिहार मतदाता पुन: पंजीकरण अभियान पर भारत सरकार की आलोचना

IAMC ने अमेरिकी सरकार और वैश्विक समुदाय से आग्रह किया है कि वे ईसाई और मुस्लिम अल्पसंख्यकों तथा अन्य कमजोर समूहों को निशाना बनाकर किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए भारत को जवाबदेह ठहराएं।

IAMC का लोगो। / IAMC

भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल (IAMC) ने भारत सरकार की कड़ी आलोचना की है। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने बिहार के लगभग 8 करोड़ मतदाताओं को 26 जुलाई तक दोबारा पंजीकरण कराने या मताधिकार से वंचित होने का जोखिम उठाने का निर्देश दिया है। IAMC ने इस कदम को विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का पिछले दरवाजे से 'कठोर' और 'अमानवीय' क्रियान्वयन बताया है।

आगामी चुनावों के लिए निर्धारित बिहार राज्य में मतदाता सूची के ECI द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत, मतदाताओं को अब पात्रता की पुष्टि के लिए 11 दस्तावेजों में से एक प्रस्तुत करना आवश्यक है। उल्लेखनीय रूप से, इस सूची से भारत में व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला राष्ट्रीय पहचान पत्र और आधार को बाहर रखा गया है।

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