उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस साल भी अपने विशाल धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के लिए श्रद्धालुओं का प्रमुख केंद्र बनी हुई है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या इस बात का संकेत है कि भारत का धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। इस साल भी नेपाल, अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया और UAE सहित कई देशों से श्रद्धालु चारधाम यात्रा में भाग लेने के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं। जानकारों के अनुसार, योग, ध्यान और वैदिक संस्कृति में बढ़ती रुचि ने विदेशियों के बीच भारत के धार्मिक स्थलों की महत्ता को और बढ़ा दिया है।
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12 देशों से आए श्रद्धालु
पिछले वर्षों में विदेशी श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। 2022 में भारत में कुल 64.4 लाख पर्यटक आए थे, जो 2023 में बढ़कर 95.2 लाख हो गए। वहीं, 2024 में कुल 99.5 लाख पर्यटक भारत आए, जो महामारी पूर्व के स्तर के करीब है। उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में विदेशी श्रद्धालुओं की बढ़ती रुचि भी देखी गई। 2024 में 12 देशों के लगभग 38,000 विदेशी श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण कराया।
दैवीय आपदाओं के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह
उत्तराखंड में यात्रा के दौरान बारिश, भूस्खलन और सड़क बाधाओं जैसी दैवीय आपदाएं आईं। कई मार्गों पर अस्थायी अवरोध पैदा हुए, लेकिन इन परिस्थितियों ने श्रद्धालुओं के उत्साह को कम नहीं किया। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में लगातार बड़ी संख्या में दर्शनार्थी पहुंचे। प्रशासन ने सुरक्षा और सुचारु यात्रा सुनिश्चित करने के लिए SDRF, BRO और स्थानीय अधिकारियों को अलर्ट पर रखा।
विदेशी श्रद्धालुओं की भागीदारी
विदेशी श्रद्धालुओं में विशेष रूप से योग, ध्यान और वैदिक संस्कृति में रुचि देखी जा रही है। पंजीकृत विदेशी श्रद्धालुओं में कई ऐसे लोग हैं जो पहले भी भारत आ चुके हैं और इस बार चारधाम यात्रा को अपनी आध्यात्मिक तीर्थ यात्रा के रूप में देख रहे हैं।
आर्थिक और सांस्कृतिक योगदान
चारधाम यात्रा राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। विदेशी और देशी श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से राज्य को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। स्थानीय कारोबारियों, होटल उद्योग और ट्रैवल एजेंसियों को भी इसका लाभ मिल रहा है।
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