अमेरिका में भारत मामलों के विशेषज्ञ और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सलाहकार एश्ले टेलिस को क्लासिफाइड दस्तावेज़ों के अनुचित रखरखाव और विदेशी शक्तियों के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। टेलिस ने आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है और उनके वकीलों ने स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ किसी भी तरह की यह धारणा कि वह किसी विदेशी शक्ति के लिए काम कर रहे थे, पूरी तरह गलत है।
टेलिस को 13 अक्टूबर को राष्ट्र रक्षा सूचना का अवैध रखरखाव के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एफबीआई की ओर से जारी अफिडेविट में कहा गया कि टेलिस को सितंबर और अक्टूबर के दौरान पेंटागन और स्टेट डिपार्टमेंट की इमारतों में क्लासिफाइड दस्तावेज़ों तक पहुंचने और उन्हें प्रिंट करने के दौरान देखा गया। इनमें कुछ दस्तावेज़ सैन्य विमान क्षमताओं से संबंधित थे।
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टेलिस के विएना, वर्जीनिया स्थित निवास की तलाशी में 11 अक्टूबर को 1000 से अधिक पृष्ठों वाले टॉप सीक्रेट और सीक्रेट दस्तावेज़ बरामद किए गए। एफबीआई ने यह भी कहा कि टेलिस ने कई मौकों पर चीनी सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की, जिनमें 15 सितंबर का एक डिनर भी शामिल था, जहां टेलिस एक मेनिला लिफ़ाफ़ा लेकर पहुंचे और जाने के समय उसके पास वह नहीं था।
टेलिस के वकील डेबोरा करटिस और जॉन नैसिकास ने कहा, एश्ले जे. टेलिस एक सम्मानित विद्वान और वरिष्ठ नीति सलाहकार हैं। हम अदालत में आरोपों का पूरी तरह से मुकाबला करेंगे, खासकर किसी भी विदेशी साजिश में उनके संलग्न होने के सुझाव का।"
टेलिस वॉशिंगटन स्थित Carnegie Endowment for International Peace में वरिष्ठ फेलो हैं, जो इस समय प्रशासनिक छुट्टी पर हैं। ट्रम्प प्रशासन में अधिकारी तुलसी गबार्ड ने कहा है कि जो भी क्लासिफाइड जानकारी का दुरुपयोग करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, अगर टेलिस दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 10 साल तक की जेल और 250000 डॉलर तक का जुर्माना हो सकता है।
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