नई लॉन्च की गई iPhone 17 सीरीज को 19 सितंबर, 2025 को नई दिल्ली, भारत में एक Apple स्टोर पर प्रदर्शित किया गया है। / REUTERS/Bhawika Chhabra/File Photo
Apple अपने स्मार्टफन में सरकारी साइबर सुरक्षा एप प्रीलोड करने के आदेश का पालन करने की योजना नहीं बना रहा है और वह अपनी चिंताओं से नई दिल्ली को अवगत कराएगा। मामले से परिचित तीन सूत्रों ने बताया कि सरकार के इस कदम से निगरानी संबंधी चिंताएं पैदा होने के बाद, यह बात सामने आई है।
भारत सरकार ने Apple, Samsung और Xiaomi सहित सभी कंपनियों को गोपनीय रूप से आदेश दिया है कि वे 90 दिनों के भीतर अपने फोन में संचार साथी (Communication Partner) नामक एक एप प्रीलोड करें। इस एप का उद्देश्य चोरी हुए फोनों को ट्रैक करना, उन्हें ब्लॉक करना और उनके दुरुपयोग को रोकना है।
सरकार यह भी चाहती है कि निर्माता यह सुनिश्चित करें कि एप को बंद न किया जाए। और आपूर्ति श्रृंखला में पहले से मौजूद उपकरणों के लिए, निर्माताओं को सॉफ्टवेयर अपडेट के माध्यम से फोन में एप को शामिल करना चाहिए, जैसा कि रॉयटर्स ने 1 दिसंबर को सबसे पहले रिपोर्ट किया था।
भारत के दूरसंचार मंत्रालय ने बाद में इस कदम की पुष्टि की और इसे साइबर सुरक्षा के गंभीर खतरे से निपटने के लिए एक सुरक्षा उपाय बताया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक विरोधियों और गोपनीयता के पैरोकारों ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार के लिए भारत के 73 करोड़ स्मार्टफोन तक पहुंच बनाने का एक तरीका है।
Apple की चिंताओं से वाकिफ दो उद्योग सूत्रों ने बताया कि Apple इस निर्देश का पालन करने की योजना नहीं बना रहा है और सरकार को बताएगा कि वह दुनिया में कहीं भी ऐसे आदेशों का पालन नहीं करता क्योंकि ये कंपनी के iOS इकोसिस्टम के लिए गोपनीयता और सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दे उठाते हैं। कंपनी की रणनीति निजी होने के कारण उन्होंने सार्वजनिक रूप से अपना नाम बताने से इनकार कर दिया।
पहले सूत्र ने कहा कि यह न केवल हथौड़े से वार करने जैसा है, बल्कि यह दोनाली बंदूक जैसा है। Apple और दूरसंचार मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।
एप पर यह आदेश ऐसे समय में आया है जब Apple देश के प्रतिस्पर्धा-विरोधी दंड कानून को लेकर एक भारतीय नियामक संस्था के साथ अदालती लड़ाई में उलझा हुआ है। Apple ने कहा है कि उसे एक मामले में 38 अरब डॉलर तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
दूसरे सूत्र ने कहा कि Apple अदालत जाने या सार्वजनिक रूप से कोई फैसला लेने की योजना नहीं बना रहा है, लेकिन वह सरकार को बताएगा कि सुरक्षा कमजोरियों के कारण वह इस आदेश का पालन नहीं कर सकता।
मामले से वाकिफ एक चौथे उद्योग सूत्र ने बताया कि सैमसंग समेत अन्य ब्रांड इस आदेश की समीक्षा कर रहे हैं। सैमसंग ने रॉयटर्स के सवालों का जवाब नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने उद्योग से परामर्श किए बिना ही इस आदेश को आगे बढ़ा दिया।
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