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चंद्रशेखर पोले का शव भारत वापस भेजने के लिए GoFundMe शुरू, टेक्सास में हुई थी हत्या

‘Repatriate Chandrashekar's Body to India and Help His Family’ नामक इस अभियान में अब तक 1,700 से अधिक दाताओं से 43,000 डॉलर जुटाए जा चुके हैं। जबकि लक्ष्य 50,000 डॉलर है।

चंद्रशेखर पोले मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला था। पोले ने भारत से डेंटल सर्जरी में स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद 2023 में अमेरिका का रुख किया। / Gofundme/lochan Sai Reddy Chinthaparthy

टेक्सास के फोर्ट वर्थ में 28 वर्षीय भारतीय छात्र चंद्रशेखर पोले की 3 अक्टूबर को गैस स्टेशन पर पार्ट-टाइम शिफ्ट के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके दोस्तों और समुदाय ने उनके शव को हैदराबाद लौटाने के लिए GoFundMe अभियान शुरू किया है।

‘Repatriate Chandrashekar's Body to India and Help His Family’ नामक इस अभियान में अब तक 1,700 से अधिक दाताओं से 43,000 डॉलर जुटाए जा चुके हैं। इनका लक्ष्य 50,000 डॉलर है।

स्थानीय पुलिस ने 23 वर्षीय रिचर्ड फ्लोरेज को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार फ्लोरेज़ ने पोले को ईस्टचेज पार्कवे पर गोली मारी और घटनास्थल से फरार हो गया। उसने लगभग एक मील दूर दूसरी गाड़ी पर भी गोली चलाई और आखिर में मेडोब्रुक ड्राइव पर एक गेट में अपनी कार टकरा दी जहां पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और हथियार बरामद किया।

टैरंट काउंटी मेडिकल एग्जामिनर ने पुष्टि की कि पोले की मृत्यु मौके पर ही हो गई थी। फोर्ट वर्थ अधिकारियों का औपचारिक बयान अभी स्थानीय सरकारी शटडाउन के कारण लंबित है।

चंद्रशेखर पोले मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला था। पोले ने भारत से डेंटल सर्जरी में स्नातक की डिग्री पूरी करने के बाद 2023 में अमेरिका का रुख किया। हाल ही में पोले ने डेंटन की यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ टैक्सास से डेटा एनालिटिक्स में मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी और रात की शिफ्ट में काम करके अपने खर्चों को पूरा कर रहा था।

GoFundMe पेज पोले के दोस्तों व समुदाय की ओर से लिखा गया है कि हम चंद्रशेखर को भारत भेजने के लिए धन जुटा रहे हैं ताकि उनके माता-पिता उन्हें अंतिम बार देख सकें और अंतिम संस्कार कर सकें। हर योगदान, चाहे छोटा ही क्यों न हो, उनके परिवार के लिए मददगार होगा।

आपको बता दें कि ह्यूस्टन में भारतीय कौंसुलेट पोले के परिवार से संपर्क में है और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर शव भारत लाने की प्रक्रिया को तेज कर रहा है। इस घटना ने अमेरिकी रात की शिफ्ट में काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा पर भारतीय समुदाय की चिंताओं को फिर से उजागर कर दिया है।

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