सांकेतिक तस्वीर / Pexels
अमेरिका में इमिग्रेशन को लेकर बढ़ती और ध्रुवीकृत बहस के बीच एक नई रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट देखी जा रही है।
यह अध्ययन NAFSA यानी एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल एजुकेटर्स ने जारी किया है जो अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और विनिमय कार्यक्रमों पर काम करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा गैर-लाभकारी संगठन है। NAFSA के 170 से अधिक देशों के 4,300 संस्थानों से जुड़े 11,000 से अधिक सदस्य हैं।
रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय छात्रों ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 42.9 अरब डॉलर का योगदान दिया और 3.55 लाख से अधिक नौकरियों का समर्थन किया। लेकिन इस वर्ष आंकड़ों में पिछले साल की तुलना में 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
यह कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार है जब अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में कमी आई है। इसके कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 1.1 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है और करीब 23,000 नौकरियां प्रभावित हुई हैं।
NAFSA की कार्यकारी निदेशक और सीईओ फांटा ऑ ने रिपोर्ट को चेतावनी देने वाला संकेत बताया। उनके अनुसार यदि पिछली वर्ष की कुल संख्या में से उन छात्रों को हटा दें जो पोस्ट-ग्रेजुएशन OPT कार्यक्रम पर थे जो अब 25 प्रतिशत के साथ सबसे बड़ी हिस्सेदारी है तो दाखिले में हो रही गिरावट बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि कई अन्य देश सक्रिय नीतियों और प्रोत्साहनों के ज़रिए इस स्थिति का लाभ उठा रहे हैं, जबकि अमेरिका अपनी प्रतिभा पाइपलाइन को जोखिम में डाल रहा है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय छात्र अभी भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। औसतन हर तीन अंतरराष्ट्रीय छात्र एक अमेरिकी नौकरी का निर्माण करते हैं। शिक्षा, आवास, भोजन, रिटेल, परिवहन, दूरसंचार और स्वास्थ्य बीमा जैसे क्षेत्रों में ये नौकरियां पैदा होती हैं। यह अनुपात पिछले वर्ष जैसा ही है।
कम्युनिटी कॉलेजों में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों का आर्थिक योगदान लगातार तीसरे वर्ष बढ़कर 2.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जिससे 9,000 से अधिक नौकरियों को समर्थन मिला।
इंग्लिश-लैंग्वेज प्रोग्राम्स से होने वाला आर्थिक प्रभाव भी 5.7 प्रतिशत बढ़कर 393.3 मिलियन डॉलर तक पहुंचा हालांकि यह अभी भी महामारी से पहले के स्तर से 44 प्रतिशत कम है।
जिन राज्यों को अंतरराष्ट्रीय छात्रों से सबसे अधिक आर्थिक लाभ हुआ उनमें कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, मैसाचुसेट्स, टेक्सास और इलिनॉय है।
अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा आकर्षित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए ऑ ने कहा कि
यदि अमेरिका ने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा को आकर्षित और बनाए रखने के लिए अधिक सक्रिय नीतियां नहीं अपनाईं तो छात्र दूसरे देशों की ओर रुख करेंगे और इसका नुकसान हमारी अर्थव्यवस्था, शोध, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को उठाना पड़ेगा।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login