BJUS ने मनाया दिवाली दीपोत्सव / supplied
बिहार-झारखंड एसोसिएशन ऑफ मिडवेस्ट (BJUS) ने शनिवार को दिवाली दीपोत्सव 2025 का आयोजन किया जिसमें 200 से अधिक लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रवासी समुदाय को एक मंच पर लाना और सांस्कृतिक विरासत को साझा करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत अमेरिकी और भारतीय राष्ट्रगान से हुई जिन्हें प्राथमिक विद्यालय के छात्रों ने डॉ. आरती मंछंदा के निर्देशन में प्रस्तुत किया। इसके बाद बच्चों और वयस्कों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और दीप प्रज्वलन हुआ। दीप प्रज्वलन BJUS की कोर टीम ने किया और समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के डिप्टी कॉन्सल जनरल के डी ठाकचोम मौजूद थे।
बिहार-झारखंड एसोसिएशन ऑफ मिडवेस्ट ने मनाया दिवाली दीपोत्सव / Suppliedदर्शकों को पारंपरिक दिवाली व्यंजन परोसे गए जबकि DJ संगीत ने पूरे कार्यक्रम के दौरान उत्सवपूर्ण माहौल बनाए रखा। मुख्य अतिथि और सामुदायिक नेताओं नीलम द्विवेदी और हरीश कोलासानी ने अपने संबोधन में भारतीय समुदाय की एकता और सांस्कृतिक जुड़ाव को महत्वपूर्ण बताया। मंच संचालन प्रमोद कुमार सिंह और पंकज कुमार ने किया।
इस बार कार्यक्रम में जानकारी और सेवाओं से जुड़े कई स्टॉल भी लगे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने बैंकिंग सेवाओं और योजनाओं की जानकारी दी। आई लेवल नेपरविले ने अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों के बारे में बताया जबकि वकील सागर ठक्कर ने वसीयत और ट्रस्ट से संबंधित कानूनी जानकारी मुहैया कराई और एक रैफल पुरस्कार भी प्रायोजित किया।
BJUS अध्यक्ष शिखा कुमारी ने समारोह में कहा कि दिवाली जैसे आयोजनों से प्रवासी समुदाय के बीच जुड़ाव और मजबूत होता है। उन्होंने संगठन की 2024-2026 की टीम के एक वर्ष पूरे होने पर विभिन्न गतिविधियों का उल्लेख किया जिनमें होली, पिकनिक और दिवाली जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के साथ-साथ महिलाओं और पुरुषों की क्रिकेट प्रतियोगिताएं, FMSC में स्वयंसेवा, पिकलबॉल और बैडमिंटन टूर्नामेंट और स्वतंत्रता दिवस समेत कई सामुदायिक आयोजनों में भागीदारी शामिल है।
एसोसिएशन ने जनजातीय गौरव दिवस में भी सह-प्रायोजक के रूप में हिस्सा लिया जो भारत के महावाणिज्य दूतावास द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित किया गया था।
BJUS ने कहा कि वह आने वाले वर्षों में भी सांस्कृतिक गतिविधियों और सामुदायिक पहल को आगे बढ़ाता रहेगा ताकि बिहार और झारखंड की परंपराओं को प्रवासी समुदाय के बीच जीवित रखा जा सके।
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