गंगौर राजस्थान की सबसे खास और पूजनीय परंपराओं में से एक है। / Courtesy Photo
भारतीय मंदिर और सांस्कृतिक केंद्र, फिलाडेल्फिया राजस्थानी मंडल (PARAM) के साथ मिलकर 22 मार्च को अपना 18वां सालाना गंगौर त्योहार मना रहा है। ये राजस्थान की एक बहुत ही खास और पुरानी परंपरा है, जिसे अमेरिका में रह रहे भारतीयों के लिए पेश किया जा रहा है।
हर साल मार्च में राजस्थान में मनाया जाने वाला गंगौर त्योहार, देवी गौरी (मां पार्वती) को समर्पित है। यह उत्सव शादीशुदा जिंदगी में खुशहाली और तरक्की की निशानी है। ये त्योहार औरतें ज्यादा मनाती हैं। इसमें व्रत रखना, हाथों में मेहंदी लगवाना और गौरी और ईसरजी (भगवान शिव) की खूबसूरती से सजी हुई मूर्तियों की शोभायात्रा निकालना शामिल है। शादीशुदा औरतें अपने पतियों की सेहत और खुशहाली के लिए दुआ करती हैं। कुंवारी लड़कियां एक अच्छे जीवनसाथी के लिए प्रार्थना करती हैं। राजस्थान के शहरों जैसे जयपुर, उदयपुर और जोधपुर में इस मौके पर लोकगीत, जुलूस और धार्मिक रस्में होती हैं। आखिर में गौरी की प्रतिमा को पानी में विसर्जित किया जाता है, जो भगवान शिव से उनके मिलन का प्रतीक है।
मोंटगोमरी टाउनशिप वाले इवेंट में अमेरिका के 10 राज्यों से लोग और दुनिया भर से जाने-माने मेहमान शामिल होंगे। / Courtesy Photoमोंटगोमरी टाउनशिप में होने वाले इस समारोह में अमेरिका के 10 राज्यों से लोग और दुनिया भर से खास मेहमान शामिल होंगे। इलाके के बच्चे राजस्थान की परंपराओं, खाने और भाषा पर मल्टीमीडिया प्रोग्राम पेश करेंगे। इसके अलावा, लोग पारंपरिक लोक नृत्य जैसे घूमर और कालबेलिया डांस का लुत्फ उठा सकेंगे। जश्न का आखिर में राजस्थानी दावत होगी। इसमें दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी और मोहनथाल जैसे पकवान होंगे।
गंगौर सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं है, ये राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान, इतिहास और परंपराओं का जश्न है। / Courtesy Photo
इस कार्यक्रम में स्थानीय अधिकारी जैसे टान्या बैमफोर्ड (मोंटगोमरी टाउनशिप सुपरवाइजर), नील मखीजा (मोंटगोमरी टाउनशिप कमिश्नर), बेथ स्टैब (बोर्ड ऑफ सुपरवाइजर्स) और एरिक पेलेटियर (मोंटगोमरी टाउनशिप ऑडिटर) भी शामिल होंगे। ग्लोबल एलायंस ऑफ राजस्थानी कम्युनिटी (GARC) के प्रतिनिधि भी वहां मौजूद रहेंगे। इनमें प्रेम भंडारी (संस्थापक, GARC), रवि शर्मा (GARC, ऑस्ट्रेलिया) और विशाल मेहता (सह-संस्थापक, GARC) शामिल हैं।
PARAM के अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक डॉ. रवि मुरारका ने बताया कि भारतीय समुदाय में राजस्थानी संस्कृति को सहेजने और बढ़ावा देने में इस त्योहार की बहुत ही अहमियत है। उन्होंने कहा, 'गंगौर सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं है, ये राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान, इतिहास और परंपराओं का जश्न है। इस त्योहार को अमेरिका लाकर हम समुदाय के रिश्तों को मजबूत करना और अपनी विरासत को ज्यादा लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं।'
हर साल मार्च में राजस्थान में मनाया जाने वाला गंगौर त्योहार, देवी गौरी (पार्वती) को समर्पित है और ये शादीशुदा ज़िन्दगी में खुशहाली और तरक्की का प्रतीक है। / Courtesy Photo
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